अंतरिक्ष में होने वाली खगोलीय घटनाएं सदियों से मानव मन को रोमांचित करती आ रही है। इसी बीच अनंत अंतरिक्ष और विराट ब्रह्मांड के प्रति जिज्ञासा रखने वालो के लिए अच्छी खबर है। 31 मई की रात से उत्तराखंड में भारत के पहले ‘नक्षत्र सभा’ की शुरूआत होने जा रही है।
गौरतलब है, कि उत्तराखंड में एस्ट्रो टूरिज्म को लेकर यह बिल्कुल नई तरह की शुरुआत है, जिसमें दुनिया भर के बुद्धिजीवी और शोधकर्ताओं समेत अंतरिक्ष की गहराइयों में रुचि रखने वाले फोटोग्राफर भी दूसरे ग्रहों-उपग्रहों का फिल्मांकन कर पाएंगे। बता दें, कि उत्तराखंड इस तरह के बेहद नए पर्यटन कांसेप्ट को लाने वाला पहला राज्य है। इसमें उत्तराखंड की उन तमाम स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां वातावरण स्वच्छ होने की वजह से आसमान साफ नजर आता है।
इसी के चलते 31 मई से जून के पूरे महीने तक उत्तराखंड में पहली नक्षत्र सभा का आयोजन किया जा रहा है। उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड भारत की अग्रणी एस्ट्रो टूरिज्म कंपनी स्टारस्केप्स के साथ मिलकर ‘नक्षत्र सभा’ का आयोजन कर रही है। यह देश में एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहला सालाना कैंपेन है।
नक्षत्र सभा के जरिए संपूर्ण एस्ट्रो टूरिज्म अनुभव प्रदान करने की योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत स्टारगेजिंग, स्पेशल सोलर ऑब्जर्वेशन, एस्ट्रोफोटोग्राफी प्रतियोगिताएं, कैंपिग अंडर द स्टार्स समेत अन्य कई एक्सक्लूसिव गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। पहली नक्षत्र सभा जून के महीने में मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट पर आयोजित की जा रही है और यह हायर हिमालय के तमाम अलग-अलग जगहों पर अगले साल 2025 के मध्य तक जारी रहेगी।
उत्तराखंड में एस्ट्रो टूरिज्म के लिए उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल और चमोली जिलों में डार्क स्काई वाली कई साइटों का चिन्हीकरण किया गया है, जहां पर विशेषज्ञों के साथ सेमीनार और वेबीनार भी आयोजित किए जाएंगे। इसके जरिए विश्व भर के एस्ट्रोनॉमी के शौकीनों, रोमांच प्रेमियों और पर्यटकों को अंतरिक्ष की दुनिया में ले जाने का प्रयास किया जाएगा।
एस्ट्रो पर्यटन की इस नई गतिविधि के माध्यम से उम्मीद जताई जा रही है, कि इससे जहां एक तरफ प्रदेश में आर्थिकी की नई संभावनाएं खुलेगी, तो वहीं पर्यटन के नए कांसेप्ट के रूप में उत्तराखंड के पर्यटन को एक नया आयाम मिलेगा। उत्तराखंड पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया, कि उत्तराखंड में एस्ट्रोनॉमी टूरिज्म के लिए अनुकूल कई डेस्टिनेशन मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, कि उत्तराखंड की विशाल वन संपदा और स्वच्छ प्रकृति एस्ट्रो टूरिज्म के लिए सहयोगी है। मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट में जून में लगने वाली नक्षत्र सभा को लेकर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने कहा, कि यह भारत में इस तरह का पहला एस्ट्रो टूरिज्म कैंपन है। हमारा मकसद दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों को ब्रह्मांड के रोमांच का अनुभव कराना है।