संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन लोकसभा के पटल पर भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। इन विधेयकों पर हुई चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा, कि तीन आपराधिक कानूनों की जगह लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ‘नए भारत का नया कानून’ के रूप में IPC (भारतीय दंड संहिता) के स्थान पर ‘भारतीय न्याय संहिता’ लेकर आई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद को बताया, कि इस ऐतिहासिक सदन में लगभग 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर वो आए है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जानकारी दी, कि ‘Indian Penal Code’ जो 1860 में बना था, उसका उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना ही था। उसकी जगह ‘भारतीय न्याय संहिता’ 2023 इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में अमल में आएगी। वहीं CRPC की जगह ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023’ इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी। इनके अलावा ‘Indian Evidence Act, 1872’ की जगह ‘भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023’ अमल में आएगा।
अमित शाह ने लोकसभा में कहा, कि नए कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर बनाए जा रहे है। उन्होंने कहा, कि आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा। नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है। उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ घृणित अपराध है और नए कानून में इस अपराध में फांसी की सजा का प्रावधान है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएँ थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है।”
केंद्रीय गृहमंत्री ने सदन में कहा, “9 नई धाराएँ जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है। राज्य का सबसे पहला कर्तव्य न्याय होता है। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका – लोकतंत्र के तीन स्तंम्भ हैं। हमारे संविधान निर्माताओं ने देश को मजबूत प्रशासन देने के लिए इन तीनों के बीच काम का बँटवारा किया। आज पहली बार ये तीनों मिलकर देश को दंड केंद्रित नहीं, न्याय केंद्रित क्रिमिनल सिस्टम देंगे।”
अमित शाह ने संसद में कहा, कि पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब मोदी जी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं। 150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने पर उन्होंने गर्व जताया। कुछ साथ ही तंज कसा कि लोग कहते थे कि हम इन्हें नहीं समझते, उन्हें वो कहना चाहेंगे मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा, लेकिन अगर मन ही इटली का है तो कभी समझ नहीं आएगा।
पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब मोदी जी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं।
150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने का मुझे गर्व है।
कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें नहीं समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा।
लेकिन अगर मन ही इटली… pic.twitter.com/SuR8DtVrug
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि ये अंग्रेजों का शासन नहीं है, ये कांग्रेस का शासन नहीं है, ये भाजपा और नरेन्द्र मोदी का शासन है – यहाँ आतंकवाद को बचाने की कोई दलील काम नहीं आएगी।
I am astonished at how some people defend and save the lives of terrorists in the name of 'Human Rights'.
Remember, this is neither the rule of Britishers nor of Congress. This is the rule of Modi ji. No arguments to save terrorists will be entertained here.
Union Home and… pic.twitter.com/3zi7pGJ9lN
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “हमने कहा था कि हम धारा 370 और 35-A हटा देंगे, हमने हटा दिया। हमने वादा किया था, आतंकवाद को समाप्त कर देंगे, जीरो टॉलरेंस की नीति बनाएँगे और सुरक्षाकर्मियों को फ्री हैंड देंगे, हमने दिया। हमने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाएँगे और अब 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। ये नरेन्द्र मोदी की सरकार है, जो कहती है-वो करती है।”