लगभग दो महीने से भाजपा 10 मार्च को पांच राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल लाने की चेतावनी दे रही थी। हालाँकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के इन बयानों को पहले तो सत्तासीन महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने हंसी- मजाक में उड़ाने का प्रयास किया था, लेकिन जैसे ही पांच राज्यों के चुनावी नतीजे सामने आए, वैसे ही इस अघाड़ी गठबंधन की मुश्किलें बढ़ गईं है।
25 असंतुष्ट विधायकों ने कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखा
महाराष्ट्र में आए दिन अघाड़ी गठबंधन के नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का जमकर डंडा चल रहा है। वहीं अब ये खबर भी सुनने को मिल रही है, कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस के विधायक ही उनके मंत्रियों से संतुष्ट नहीं है। लगभग 25 असंतुष्ट विधायकों ने कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है, कि कांग्रेस के मंत्री ही उनकी बातों को नजरअंदाज कर रहे है।
मंत्रियो की अनदेखी से नाराज कांग्रेसी विधायक
उल्लेखनीय है, कि 10 मार्च घोषित गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे से सबसे अधिक कांग्रेस को झटका लगा है। नतीजे के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता नाना पटोले ने दावा करते हुए कहा था, कि 2024 के महाराष्ट्र राज्य चुनाव के बाद कांग्रेस का ही मुख्यमंत्री बनेगा। नाना पटोले के इस बयान से यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि कांग्रेस महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन से अलग चुनाव लड़ सकती है। वहीं 18 मार्च 2022 को केंद्रीय राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने ये दावा कर सबको चौंका दिया था, कि महाविकास अघाड़ी के 25 विधायक भाजपा के संपर्क में है। उन्होंने दावा किया था, कि ये सभी नेता अघाड़ी गठबंधन सरकार में अनदेखी की वजह से नाराज चल रहे है।
दूसरे दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है
वहीं महाराष्ट्र में सीएम होने के बावजूद भी उद्धव ठाकरे की शिवसेना पार्टी भी गठबंधन में दूसरा दर्जा मिलने की शिकायत करती रही है। हालाँकि ये शिकायत आलाकमान से तो नहीं आई है, लेकिन सांसद से लेकर विधायक तक इस मुद्दे पर बयान दे चुके है। बीते 28 मार्च को ही शिवसेना विधायक तानाजी सावंत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, कि शिवसेना के सभी वरिष्ठ नेताओं का यही विचार है, कि अघाड़ी सरकार में पार्टी के साथ दूसरे दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। तानाजी सावंत ने कहा था, कि चाहे कोंकण क्षेत्र हो या पश्चिमी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा या विदर्भ सभी स्थानों पर पार्टी की अनदेखी की जा रही है।
उल्लेखनीय है, कि महाराष्ट्र में सत्तासीन महाविकास अघाड़ी गठबंधन में अब तक जिस पार्टी ने नाराजगी जाहिर नहीं की है, वह है ‘एनसीपी पार्टी’ जिसने प्रत्यक्ष तौर पर तो शिवसेना या कांग्रेस पर कोई बयान जारी नहीं दिया है, लेकिन खबरों की मानें, तो एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री ठाकरे की उस योजना के विरुद्ध आवाज बुलंद की है, जिसमें मुख्यमंत्री ठाकरे ने विधानसभा और विधानपरिषद के 300 सदस्यों के लिए मुंबई में घर बनवाने का प्रावधान किया है। शरद पवार ने कहा था, कि नेताओं के लिए घर बनवाने का फैसला महाविकास अघाड़ी सरकार ने चर्चा के बाद लिया है, लेकिन वे निजी तौर पर इस योजना के खिलाफ है।
भाजपा गठबंधन के लिए बहुमत दूर की कौड़ी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस के 25 विधायकों ने सीधे तौर पर महाविकास अघाड़ी गठबंधन के प्रति असंतोष जाहिर किया है। वहीं भाजपा दावा कर रही है, कि अघाड़ी गठबंधन के 25 विधायक उसके संपर्क में है। वर्तमान में एनडीए के पास फिलहाल 113 विधायक है, और उसे बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 32 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसे में यदि भाजपा के दावों को सच भी मान लिया जाए, तो भी भाजपा गठबंधन के लिए बहुमत दूर की कौड़ी है।