समाचार एजेंसी एएनआई ने विकिपीडिया के ऊपर दो करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है, कि विकिपीडिया अपने प्लेटफॉर्म पर एएनआई के लिए अपमानजनक एडिटिंग करने की यूजर्स को मंजूरी प्रदान कर रहा है। इस संबंध में एएनआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में केस दायर किया था। इस मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मंगलवार को विकिपीडिया को नोटिस जारी किया है। अब मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त 2024 को होगी।
लाइव लॉ के अनुसार, ANI ने आरोप लगाया, कि विकिपीडिया अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद समाचार एजेंसी के पेज पर कथित रूप से अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करवा रहा है और उन्होंने कोर्ट से इसी सामग्री को हटाने व रोकने की अपील की है। हालांकि इसके साथ ही अभी तक जो एडिटिंग करके उनकी समाचार एजेंसी का जो अपमान किया गया, उस पर दो करोड़ रुपए का हर्जाना देने को कहा है।
ANI Media Private Limited has filed suit against Wikipedia before the Delhi High Court over allegedly defamatory description of the news agency.
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— Live Law (@LiveLawIndia) July 9, 2024
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, विकिपीडिया के ऊपर समाचार एजेंसी एएनआई ने आरोप लगाया है, कि जो जानकारी उनके प्लेटफॉर्म पर ANI के लिए है उसमें उन्हें समाचार पोर्टल की जगह सरकार का प्रचार उपकरण बताया गया है।
न्यूज एजेंसी ANI को बताया 'मोदी सरकार का प्रचार टूल', विकिपीडिया पर ठोका ₹2 करोड़ की मानहानि का केस: दिल्ली हाई कोर्ट ने माँगा जवाब#ANI #Wikipediahttps://t.co/LqsWsqTesS
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 9, 2024
दरअसल विकिपीडिया पर कथित तौर पर लिखा गया है, कि ये साइट (ANI) वर्तमान में केंद्र सरकार के लिए प्रचार उपकरण के रूप में काम करने, फर्जी समाचार वेबसाइटों के विशाल नेटवर्क से सामग्री वितरित करने और घटनाओं की गलत रिपोर्टिंग के लिए आलोचना की गई है। इसके अलावा विकिपीडिया पर ये भी लिखा है, कि एएनआई के नए प्रबंधन में पत्रकारिता का आक्रमक मॉडल इस्तेमाल किया जा रहा है जहाँ सिर्फ और सिर्फ फोकस अधिक रेवेन्यू पर हैं। कई पूर्व कर्मचारियों ने यहाँ के मैनेजमेंट पर गलत अमानवीय बर्ताव का आरोप लगाया है।
विकिपीडिया पर दर्ज विवरण का संज्ञान लेने के बाद एएनआई की ओर से वकील सिद्धांत कुमार ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा, कि विकिपीडिया पर उल्लेखित सामग्री मानहानिकारक है। ये प्लेटफॉर्म ऐसा मंच है, कि जिसका इस्तेमाल सार्वजनिक उपयोगिता के रूप में किया जाता है, लेकिन इस प्लेटफॉर्म ने एएनआई के पेज को समाचार एजेंसी द्वारा संपादन करने से रोक दिया है। ये सब सिर्फ समाचार एजेंसी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने और इसकी प्रतिष्ठा को बदनाम करने के लिए किया गया है।