आदिवासी समाज से आने वाली पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाकर एनडीए ने बड़ा सियासी दांव खेला है। एनडीए के इस फैसले से विपक्षी पार्टियों में ‘फूट’ पड़ने की संभावना जताई जा रही है। ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक ने इसे गौरव का क्षण बताया है। वहीं हम पार्टी के नेता जीतनराम मांझी ने मुर्मू की उम्मीदवारी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।
बीते मंगलवार को एनडीए द्वारा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर ट्वीट कर बधाई देने वाले ओडिशा के मुख्यमंत्री नविन पटनायक ने बुधवार को भी प्रदेश के सभी विधायकों और सांसदों को ट्वीट कर ओडिशा की पुत्री को वोट देने की अपील की है। उन्होंने अपने ट्विटर सन्देश में लिखा, मैं ओडिशा विधानसभा के सभी सदस्यों से अपील करता हूँ, कि वे पार्टी लाइन से ऊपर उठकर ओडिशा की पुत्री द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें, और उन्हें राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर बिठाने के लिए चुनें।
Odisha CM Naveen Patnaik appeals to all the members of State Legislative Assembly, cutting across party lines, to extend unanimous support to elect the daughter of Odisha- Draupadi Murmu to the country’s highest office pic.twitter.com/BoCCvDirDs
— ANI (@ANI) June 22, 2022
हालाँकि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाये जाने से पहले एनडीए के घटक दल जद(यू) की भूमिका को लेकर संदेह जताया जा रहा था, लेकिन वर्तमान परिस्थिति के मद्देनजर बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सकते है। उल्लेखनीय है, कि यशवंत सिन्हा को विपक्षी पार्टियों द्वारा राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाये जाने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे, कि बिहारी होने की वजह नीतीश कुमार इस मुद्दे पर एनडीए के फैसले से अलग रुख अपना सकते है, लेकिन द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा के बाद विपक्ष के सारे समीकरण गड़बड़ा गये है। हालाँकि नीतीश कुमार ने अभी तक इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले है।
उल्लेखनीय है, कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)’ ने ओडिशा के रायरंगपुर की रहने वाली जनजाति समाज की द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार घोषित किया है, और राजनितिक विशेषज्ञों के विश्लेषण के अनुसार उनकी जीत भी लगभग तय मानी जा रही है। आदिवासी समाज की राजनीति करने वाले कुछ अन्य सियासी पार्टियां भी द्रौपदी मुर्मू का साथ देने के लिए विपक्षी खेमे के घेरे को छोड़कर बाहर आ सकते है।