मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते सोमवार (8 अगस्त 2022) को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान सीएम पुष्कर धामी के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने उत्तराखंड की कई महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण की मंजूरी दे दी है। इन अहम सड़कों में देहरादून में रिंग रोड, नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास, मझोला-खटीमा और सितारगंज से टनकपुर तक फोरलेन शामिल है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने हाईवे निर्माण की वजह से खतरे में आने वाले भवनों का मुआवजा देने पर भी सहमति जताई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री गडकरी के समक्ष गढ़वाल और गढ़वाल के मध्य दूरी को कम करने के लिए नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास को बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने शीघ्र इस महत्वपूर्ण परियोजना पर कार्य शुरू कराने का वचन सीएम धामी को दिया। इस हाईवे के निर्माण से गढ़वाल और कुमाऊं के बीच की दूरी 20 किमी कम होगी और सफर 45 मिनट कम हो जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने ट्विटर संदेश में लिखा, “आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी से भेंट कर राज्य की विभिन्न परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। श्री गडकरी जी द्वारा उत्तराखण्ड के लिए सड़क, लॉजिस्टिक पार्क, समेत कई बड़ी परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान करने हेतु उनका कोटि-कोटि आभार।”
आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री श्री @nitin_gadkari जी से भेंट कर राज्य की विभिन्न परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। श्री गडकरी जी द्वारा उत्तराखण्ड के लिए सड़क, लॉजिस्टिक पार्क, समेत कई बड़ी परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान करने हेतु उनका कोटि-कोटि आभार! pic.twitter.com/KYS3XBXOqc
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 8, 2022
इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में ट्रैफिक के दबाव के मद्देनजर रिंग रोड निर्माण का भी अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने लगभग 115 किमी लम्बी रिंग रोड के फिजिबिल्टी सर्वे को मंजूरी देने के साथ ही हाईवे के आसपास 1100 एकड़ भूमि पर लाजिस्टिक हब बनाने पर भी सहमति जताई है। रिंग रोड की मंजूरी मिलने से राजधानी देहरादून में जल्द ही भीषण जाम की समस्या से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी है।
जानकारी के अनुसार, रिंग रोड में प्रस्तावित देहरादून – पौंटा नेशनल हाईवे के एक हिस्से को भी शामिल किया जायेगा। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री गडकरी ने यह भी आश्वासन दिया, कि यदि राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई भूमि के ऊपर और नीचे मार्ग निर्माण से भवनों एवं अन्य सरंचनाओं को क्षति पहुँचती है, तो उसको प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार करेगी।