मोदी सरकार ने गुरुवार (12 दिसंबर 2024) को कैबिनेट बैठक में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों समेत सभी चुनावों को एक साथ करवाने का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है। बताया जा रहा है, कि सरकार अगले सप्ताह इसी शीतकालीन सत्र में विधेयक को सदन के पटल पर रख सकती है। हालांकि, केंद्र सरकार चाहती है, कि इस विधेयक को लेकर व्यापक समर्थन हासिल किया जाए।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, मोदी कैबिनेट ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी है और केंद्र सरकार बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है। बिल पर व्यापक चर्चा के लिए सरकार इसे संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिल का उद्देश्य 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है।
🚨 HUGE BREAKING 🎯
Modi govt has approved 'One Nation, One Election' bill, to be introduced in the Parliament next week 🔥 pic.twitter.com/GPGY4YV0N4
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) December 12, 2024
उल्लेखनीय है, कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र सरकार तैयार दिखाई दे रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है, संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार इस विधेयक को पेश कर सकती है। बता दें, कि ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर केंद्रीय कैबिनेट पहले ही रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे चुकी है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद पीएम मोदी ने इस निर्णय की प्रशंसा करते हुए इसे भारत के लोकतंत्र को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
गौरतलब है, कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को महत्वपूर्ण चुनावी सुधार के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, इस विधेयक के समर्थन में तर्क दिए जा रहे है, कि इससे अलग-अलग समय पर चुनाव कराने के लिए मशीनरी और चुनावी खर्चों पर रोक लगेगी। साथ ही इससे चुनावी लागत को भी बड़े पैमाने पर कम किया जा सकता है। वहीं इसके विरोध में कहा जा रहा है, कि स्थानीय मुद्दों को तरजीह नहीं मिलेगी और राज्यों का चुनाव भी राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जायेगा।