कोरोना संक्रमण और इस्लामिक कट्टरपंथियों से जूझ रहा पाकिस्तान में अब एक नये संकट में फंसाता जा रहा है। अपने कुकर्मो के चलते पहले से ही तंगहाल देश पाकिस्तान के सिंध,बलूचिस्तान और पंजाब प्रांत वर्तमान में गेंहू के आटे की भारी किल्ल्त का सामना कर रहे है। पाकिस्तान में गेहूं के आटे के लिए हाहाकार मचा हुआ है। जिसके चलते खैबर पख्तूनख्वाह के रोटी और नान बनाने वाले ढाबे और रेस्तरां के मालिकों ने अपनी दुकानों को पर ताले लगा दिए है।
खाद्यान्न संकट से जूझ रहा दहशदगर्दो की शरणस्थली पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को फिलहाल इस संकट का कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है। इमरान सरकार पर विपक्षी दलों ने आरोप लगाते हुए कहा है, कि फसलों की उपज के गलत अनुमान, जरूरत से ज्यादा निर्यात और जमाखोरी के चलते देश में गेंहू के आटे की कमी हुई है। विपक्ष ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, कि गेहूं के दामों में बढ़ोतरी की वजह से पकिस्तान के आम नागरिको को रोटी तक भी नसीब नहीं हो पा रही है।
विश्व बिरादरी से भीख में मिले कर्ज से पकिस्तान की सरकार किसी प्रकार अपना काम चला रही है। पकिस्तान की जनता महंगाई की मार से बेहाल हो गयी है। सामान्य खाने-पीने की वस्तुये भी आम नागरिको के बजट से बाहर हो गई हैं। इस खाद्यान्न संकट की गंभीरता का अंजादा इस बात से लगाया जा सकता है, कि पकिस्तान के पास वर्तमान में मात्र बीस दिनों का ही गेंहू का स्टॉक शेष बचा है। वर्तमान समय में पाकिस्तान की जनता को पेटभर खाने का जुगाड़ करना मुश्किल हो गया है।