पाकिस्तान की जेल में सजा काट रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज को अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया है। अमीर सरफराज आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता है। ‘अज्ञात हमलावरों’ ने सरफराज पर अंधाधुन गोलियाँ बरसाई, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी दी, कि पाकिस्तान में लाहौर के इस्लामपुरा क्षेत्र में मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज की हत्या कर दी है। वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब वह अपनी कार से कहीं जा रहा था। बता दें, कि अमीर सरफराज ने आईएसआई के इशारे पर सरबजीत की निर्ममता से हत्या की थी।
दरअसल, पंजाब के रहने वाले सरबजीत सिंह 29 अगस्त 1990 को गलती से भारतीय बॉर्डर क्रॉस कर पाकिस्तानी सीमा में घुस गए थे। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उनपर कथित जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद साल 1991 में लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाके में एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए उन्हें मुख्य आरोपित बताकर मौत की सजा सुना दी गई। वहीं, सरबजीत सिंह के परिवार ने दावा किया था, कि वे नशे की हालत में गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे।
इस दौरान भारत भी लगातार पाकिस्तान पर सरबजीत सिंह को वापस लौटाने का दबाव बना रहा था। इसके बाद पाकिस्तान ने फाँसी की सजा को स्थगित कर दूसरी योजना बनाई और आईएसआई ने अमीर सरफराज के जरिए वर्ष 2013 में ईंटों, नुकीली धातु, लोहे की छड़ों और ब्लेड से हमला करके उन्हें तड़पा-तड़पा कर मार डाला।
अप्रैल 2013 में अमीर सरफराज और उसके साथी कैदी मुदासिर मुनीर पर सरबजीत सिंह की हत्या के आरोप तय किये थे, लेकिन 15 दिसंबर 2018 को लाहौर की जिला एवं सत्र अदालत ने दोनों हत्यारों को बरी कर दिया था। बता दें, कि सरबजीत सिंह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव के रहने वाले किसान थे। 30 अगस्त 1990 को वह अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए थे।