प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिंदुस्तान की सत्ता संभालने के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की भूमिका बेहद मजबूत हुई है। वर्तमान कालखंड में पीएम मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय पटल पर एक नया भारत आकार ले रहा है। पिछले कुछ वर्षो से अंतरराष्ट्रीय मामलों में न सिर्फ भारत का महत्व बढ़ा है, बल्कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में सक्रियता बढ़ाने के साथ ही सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भी अपनी दावेदारी भी मजबूत की है।
उल्लेखनीय है, कि बीते रविवार (21 मई, 2023) की शाम जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान से प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश पापुआ न्यू गिनी के एयरपोर्ट पहुँचे, तो वहाँ के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके चरण छूकर भावविभोर कर दिया। पीएम मोदी के समक्ष झुक कर पापुआ न्यू गिनी के पीएम ने जिस प्रकार उन्हें सम्मान दिया, उससे प्रत्येक भारतवासी को अपने नेतृत्व पर गर्व अनुभव हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पापुआ न्यू गिनी ने अपने देश के सर्वोच्च सम्मान ‘Companion of the Order of Logohu (GCL)’ ने भी सम्मानित किया है। पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल सर बॉब डाडा ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘ग्लोबल साउथ’ के हितों के लिए आवाज उठाने और प्रशांत महासागर में स्थित देशों की एकता के लिए किये गए सार्थक प्रयासों के लिए ये सम्मान दिया है।
Papua New Guinea has conferred the Companion of the Order of Logohu on PM @narendramodi. It was presented to him by Papua New Guinea Governor General Sir Bob Dadae. pic.twitter.com/0Xki0ibW8D
— PMO India (@PMOIndia) May 22, 2023
गौरतलब है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिजी ने भी अपने राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान से सम्म्मानित किया है। जानकारी के लिए बता दें, फिजी द्वारा किसी विदेशी नागरिक को ये सम्मान दिया जाना बेहद दुर्लभ माना जाता है। पीएम मोदी को ‘कम्पैनियन ऑफ ऑर्डर ऑफ फिजी (CF)’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदियों पुराने भारत-फिजी संबंधों का उल्लेख करते हुए इस अवॉर्ड को भारत की जनता को समर्पित किया।
PM @narendramodi has been conferred the highest honour of Fiji, the Companion of the Order of Fiji. It was presented to him by PM @slrabuka. pic.twitter.com/XojxUIKLNm
— PMO India (@PMOIndia) May 22, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिजी में FIPIC की बैठक में हिस्सा लेने गए हैं। ‘इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन’ (FIPIC) में प्रशांत महासागर स्थित छोटे देशों और भारत के साथ उनके गठबंधन के लिए बनाया गया है। नवंबर 2014 में जब पीएम मोदी फिजी गए थे, तब इसका गठबंधन का गठन किया गया था। इस गठबंधन में भारत के अलावा फिजी, कुक आइलैंड्स, किरिबाती, सोलोमन आइलैंड्स, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, नाउरू, निउए, पलाउ, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, टोंगा, तुवालू और वानूआतू 14 देश शामिल है।
उल्लेखनीय है, कि भारत की सक्रियता अधिकत्तर हिंद महासागर में ही रही है, जिसका उपयोग भारत अपने सामरिक, व्यापारिक और सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए करता रहा है। भारत वर्तमान में G-20 की भी अध्यक्षता कर रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ने प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों को भरोसा दिलाया है, कि वो उनके महत्वपूर्ण मुद्दे भी वैश्विक मंच पर उठाएँगे।
इंडो-पैसिफिक मंच पर पीएम मोदी ने विकसित देशों पर निशाना साधाते हुए कहा, जिन्होंने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कालखंड में ‘ग्लोबल साउथ’ को छोड़ दिया था, और उनकी आपदाकाल में सहायता नहीं की थी, ऐसे मुश्किल समय में भारत ने ‘वैक्सीन मैत्री’ के जरिए इन देशों की मदद की।
अब वर्तमान में जब चीन अपने ‘बेल्ट एन्ड रोड’ परियोजना के लिए वहाँ के छोटे देशों के साथ आक्रामक रूप से संबंध बढ़ाने लगा, तब अमेरिका की कुंभकर्णी नींद टूटी और उसने प्रशांत महासागर स्थित इन द्वीपीय देशों के लिए नए सिरे से पॉलिसी बनानी शुरू की। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आज प्रशांत महासागर क्षेत्र में वो कार्य कर रहा है, जो अमेरिका नहीं कर पाया है।
गौरतलब है, कि प्रशांत महासागर क्षेत्र में भारत की दमदार मौजूदगी से विस्तारवादी नीति के समर्थक चीन को भी खतरा जरूर महसूस हो रहा होगा। वहीं भारत सदैव ‘पीपल टू पीपल’ कनेक्टिविटी पर जोर देता है और भारत की कोई छिपी हुई मंशा भी नहीं होती, ऐसे में वहाँ के नागरिक भी भारत की उपस्थिति से सदैव खुश रहते है।