जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य जैसे विवाह अथवा रोजी-रोजगार के चलते कई मर्तबा नागरिक चुनाव के दिन अपने घरों से दूर रहते है। इसी समस्या के मद्देनजर भारत के चुनाव आयोग ने अपने मतदान क्षेत्र से दूर रहने वाले नागरिकों को वोटिंग के लिए एम-3 रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) नाम से एक रिमोट वोटिंग सिस्टम तैयार किया है।
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की सहायता से किसी अन्य शहर और प्रदेश में रहने वाला मतदाता अपने विधानसभा अथवा लोकसभा चुनावों में वोट डाल पायेगा। इस तकनीक के चलते शिक्षा,रोजगार एवं अन्य कारणों से राष्ट्र में ही अन्य रहने वाले स्थान से वोटर निर्वाचन क्षेत्र गए बिना वोट डाल सकेगा।
बीते गुरुवार (29 दिसंबर 2022) को चुनाव आयोग ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया, कि 16 जनवरी 2023 को सभी राजनीतिक दलों के सामने नई वोटिंग मशीन का प्रदर्शन किया जायेगा। इसके बाद सभी राजनीतिक दलों से इसको लेकर सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे। इसके बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जायेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया, कि देश के युवा और शहरी मतदाताओं में वोट डालने को लेकर प्रतिबद्धता कम देखी जाती है। इसलिए मतदान में इनकी भागीदारी को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके कारण पढ़ाई-लिखाई और नौकरी के लिए दूसरे शहरों में रहने वाले लोग वोट डाल सकेंगे। एक अनुमान के मुताबिक, देश में 45 करोड़ लोग दूसरे राज्यों में रह रहे है।
नौकरी, पढ़ाई और अन्य वजहों से अपने घर से दूर रह रहे मतदाता अब रिमोट वोटिंग कर सकेंगे प्रवासी वोटरों को चुनाव में गृह राज्य जाने की नहीं पड़ेगी जरूरत,कहीं भी डाल सकेंगे वोट-16 जनवरी को रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को दिखाने के लिये चुनाव आयोग ने बुलाया है Report @gauravnewsman pic.twitter.com/JpozVKY59t
— Amit kaushik (@Amit_kaushik1) December 29, 2022
उल्लेखनीय है, कि चुनाव आयोग ने इस विषय पर चिंता जाहिर की थी, पिछले आम चुनाव में सिर्फ 67.4 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि 30 करोड़ से ज्यादा मतदाता वोट डालने से वंचित रह गए थे। हालाँकि देश के भीतर कितनी संख्या में नागरिक अपने निवास से दूर रहते है। इसका आंकड़ा वर्तमान में उपलब्ध नहीं है।
चुनाव आयोग ने कहा, कि वह गृह जिले से दूर मतदान सुविधा प्रदान करने वाले बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को प्रायोगिक तौर पर शुरू करने के लिए तैयार है। आईआईटी मद्रास की सहायता से बनाई गई ईवीएम का यह संशोधित रूप एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है।
इस तकनीक का उपयोग सर्प्रथम 1982 में केरल के चुनावों में किया गया था। वहीं वर्ष 1998 में दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सीमित संख्या में प्रयोग किया गया था। 2001 के बाद सभी विधानसभा चुनावों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। 2004 में हुए लोकसभा चुनावों में 543 संसदीय क्षेत्रों में मतदान के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था।
बता दें, कि अगले वर्ष 2023 में जम्मू-कश्मीर समेत कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। वहीं इसके साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होने है।