उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव और भूस्खलन की घटनाओं पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने आपातकालीन प्रबंधन की तैयारी शुरू कर दी है। इस क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर बीते रविवार को पीएमओ में हुई उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया, कि सचिव सीमा प्रबंधन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सोमवार को जोशीमठ पहुंच कर वास्तविक स्थिति का जायजा लेंगे।
देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भू-धंसाव की जद में आये जोशीमठ नगर को बचाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया है। पीएम मोदी ने बीते रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर जोशीमठ शहर की जानकारी ली। सीएम धामी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उन्हें फोन कर जोशीमठ नगर की स्थिति और प्रदेश सरकार द्वारा उठाये गए प्रयासों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया, कि प्रधानमंत्री कार्यालय को लगातार जोशीमठ शहर का अपडेट दिया जा रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार को केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ जोशीमठ की स्थिति को लेकर विमर्श करने के साथ ही जरुरी निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री जी व्यक्तिगत रूप से जोशीमठ की स्थिति एवं क्षेत्र में सरकार द्वारा चल रहे सुरक्षात्मक कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं साथ ही उन्होंने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 8, 2023
वहीं भगवान बद्रीनाथ धाम की शीतकालीन गद्दीस्थल जोशीमठ नगर के आपदाग्रस्त इलाकों के निवासियों के पुनर्वास और क्षेत्र को बचाने के लिए धामी सरकार ने कमर कस ली है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ सिन्हा ने मीडिया को जानकारी दी, कि दीर्घकालीन उपायों के तहत जोशीमठ का जियो टेक्नीकल, जियो फिजिकल, हाइड्रोलॉजिकल जैसे विस्तृत अध्ययन किया जायेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की को जोशीमठ की धारण क्षमता व मिट्टी की पकड़ के मद्देनजर जियो टेक्नीकल अध्ययन, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून को भूमि की सेहत, मानीटरिंग व भूकंप के मद्देनजर जियो फिजिकल अध्ययन और भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान हैदराबाद को सेटेलाइट के जरिए क्षेत्र का विस्तृत अध्ययन करने की जिम्मेदारियां सौंपी गई है।
उधर जोशीमठ शहर में लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है। हर घड़ी शहर दरक रहा है। एक खुशहाल नगर को उजड़ते हुए देखना, स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी त्रासदी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जोशीमठ दौरे के बाद आपदा प्रभावितों के राहत और बचाव कार्यो में बेहद तेजी आई है।
बीते रविवार को मुख्य सचिव डॉ संधू ने जोशीमठ के आपदाग्रस्त इलाकों के स्थलीय निरीक्षण किया । इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए गए है, कि जिन भी घरों में दरारें मिली है, उन परिवारों को तत्काल शिफ्ट किया जाये। मुख्य सचिव ने स्थानीय निवासियों से अपील करते हुए कहा, कि किसी भी दशा में जोखिम ना उठाये, जिला प्रशासन द्वारा जहां पर भी व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें।