संसद का मानसून सत्र गुरुवार 20 जुलाई 2023 से आरंभ हो गया है। संसद सत्र की शुरुआत से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात करते हुए मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने कहा, कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री ने मणिपुर की घटना को लेकर कठोर कार्रवाई का भरोसा देश को दिलाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि उनका हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है। ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। पीएम मोदी ने कहा, पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने है, कौन हैं, वो अपनी जगह पर है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। इससे 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है।
Speaking at the start of the Monsoon Session of Parliament. https://t.co/39Rf3xmphJ
— Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2023
पीएम मोदी ने कहा, “मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूँ, कि वे अपने राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करें। खासकर माताओं व बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएँ। घटना चाहे राजस्थान की हो, घटना चाहे छत्तीसगढ़ की हो, चाहे मणिपुर की हो। देश में, हिंदुस्तान के किसी भी कोने में, किसी भी सरकार में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था का महात्मय, नारी का सम्मान जरूरी है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज जब मैं आपके बीच आया हूँ, लोकतंत्र के इस मंदिर के पास खड़ा हूँ, तब मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वो किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूँ, कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, इसको कभी माफ नहीं किया जा सकता।”
गौरतलब है, कि मणिपुर में करीब ढाई महीने से चली आ रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर मणिपुर में महिलाओं के साथ दरिंदगी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो 4 मई 2023 का बताया जा रहा है। इसमें दो महिलाओं को नग्न परेड करवा रही भीड़ उन्हें खींचकर गैंगरेप के लिए खेतों की तरफ ले जाती दिखाई पड़ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना को लेकर 21 जून को दर्ज हुई एफआईआर के मुताबिक तीन महिलाओं के साथ भीड़ ने दरिंदगी की थी। इन्हें पुलिस की कस्टडी से छीनकर ले जाया गया था। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इस वीडियो को शेयर होने से रोकने के आदेश दिए है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना को लेकर अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के विरुद्ध नोंगपोक सेकमाई पीएस (थौबल जिला) में एफआईआर दर्ज की गई थी। यह मुकदमा अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की धाराओं में पंजीकृत है। हालाँकि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वायरल वीडियो में दिख रही महिलाओं में से एक की उम्र 20 वर्ष, जबकि दूसरी की आयु 40 वर्ष है।
वहीं एफआईआर के अनुसार, 50 साल की एक तीसरी महिला को भी दरिंदगी का शिकार बनाया गया था, जो वीडियो में नजर नहीं आ रही है। इस घटना का विरोध करने पर एक महिला के पिता और दूसरे के भाई की भी हत्या कर दी गई थी। इस घटना की शिकायत में पीड़िताओं ने बताया है, कि 4 मई 2023 को उनके गाँव पर लगभग 800 से 1000 हमलावरों की भीड़ ने हमला किया था।
भीड़ के पास इंसास और AK श्रृंखला की रायफलें जैसे घातक हथियार थे। इनसे बचने के लिए तीन महिलाओं समेत गाँव के 5 लोग जंगल की तरफ भाग गए। मौके पर पहुँची पुलिस ने इन सभी को बचा लिया और साथ लेकर थाने आने लगी, लेकिन रास्ते में भीड़ ने पुलिस बल को रोक कर पीड़ितों को कस्टडी से जबरन छीन लिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसक भीड़ ने पहले 20 वर्षीय पीड़िता के पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया। जब एक पीड़िता के भाई ने इसका विरोध किया, तो भीड़ ने उसकी निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद इन सभी महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। गैंगरेप के बाद तीनों महिलाएँ जैसे-तैसे वहाँ से निकल पाईं। फिलहाल तीनों पीड़िताएँ एक राहत कैंप में है।