प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मंच से दुनिया को शांति का संदेश दिया है। पीएम मोदी ने आतंक का समर्थन करने वाले देशों को लेकर कहा, कि आतंक पर दोहरे मानक नहीं रखे जाने चाहिए। ब्रिक्स सम्मेलन को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, कि भारत और चीन के संबंध वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
पीएम मोदी ने रूस में BRICS के मंच से अपने संबोधन में कहा, कि हम युद्ध नहीं, आपसी संवाद और डिप्लोमेसी का समर्थन करते है। उन्होंने कहा, कि जिस प्रकार हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आतंकवाद और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत होकर दृढ़ता से सहयोग देना होगा। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारे देशों के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए।” पीएम मोदी ने UN में बदलाव को लेकर कहा, “हमें ध्यान रखना चाहिए, कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने, कि हम वैश्विक संस्थानों में सुधार नहीं करना चाहते बल्कि उन्हें बदलना चाहते हैं।”
#WATCH | 16th BRICS Summit in Kazan, Russia | Prime Minister Narendra Modi says "I want to thank President Putin for the successful organisation of the 16th BRICS Summit. I once again heartily welcome the new colleagues associated with BRICS. In its new form, BRICS represents 40%… pic.twitter.com/ixaZtQWGIe
— ANI (@ANI) October 23, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS के मंच से वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारी बैठक एक ऐसे वक्त में हो रही है, जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है। विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है।” उन्होंने कहा, कि BRICS के मुद्दे लोगों के हितों के होने चाहिए और यह संगठन विभाजनकारी नहीं बल्कि जनहितकारी है।
ब्रिक्स समिट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा, कि भारत-चीन के संबंध वैश्विक शांति के लिए जरूरी हैं। हम खुले मन से बातचीत करेंगे। पांच वर्ष बाद हमारी मुलाकात हुई। दुनिया के लिए हमारे संबंध जरूरी हैं। एक दूसरे का सम्मान होना चाहिए। सीमा पर मुद्दों को लेकर सहमति का स्वागत करते हैं।
बता दें, कि पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर रूस के कजान शहर पहुंचे थे। इससे पहले पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। वहीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 2014 से 2019 के बीच पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच 8 बार द्विपक्षीय वार्ता हुई थी।
गौरतलब है, कि पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच ये बैठक ऐसे समय में हुई है, जब भारत-चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त के समझौते पर सहमति जताई है। बीते चार साल से जारी इस कूटनीतिक गतिरोध को खत्म करने की दिशा में इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। इससे पहले 11 अक्टूबर 2019 को पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात हुई थी।