प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने रविवार (25 फरवरी 2024) को बेट द्वारका को जोड़ने वाले भारत के सबसे बड़े केबल ब्रिज सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने मंदिर में भगवान द्वारकाधीश के दर्शन कर विधिवत पूजा अर्चना भी की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्र में स्कूबा डाइविंग की और जल समाधि ले चुकी प्राचीन द्वारका नगरी के दर्शन किये।
उल्लेखनीय है, कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारका नगरी के स्वामी थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में प्रभु श्रीकृष्ण के परलोक गमन के उपरांत द्वारका नगरी समुद्र में विलीन हो गई थी। जिस स्थान पर द्वारका नगरी होने की बात कही जाती है, उस स्थान पर समुद्र में एक शहर मिला है। इस शहर का जलमग्न अवशेष वर्तमान युग में भी अपनी भव्यता को रेखांकित करता है।
समुद्र की गहराइयों में स्कूबा डाइविंग के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष उपकरणों का उपयोग किया। इस आध्यात्मिक अवसर की तस्वीरों को अपने एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, “पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।”
To pray in the city of Dwarka, which is immersed in the waters, was a very divine experience. I felt connected to an ancient era of spiritual grandeur and timeless devotion. May Bhagwan Shri Krishna bless us all. pic.twitter.com/yUO9DJnYWo
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने द्वारका दर्शन रैली को संबोधित करते हुए कहा, “आज मैंने उन क्षणों का अनुभव किया जो सदैव मेरे साथ रहेंगे… मैं समुद्र की गहराई में गया और प्राचीन द्वारका नगरी के ‘दर्शन’ किए। पानी के अंदर छिपी द्वारका नगरी के बारे में पुरातत्वविदों ने बहुत कुछ लिखा है। हमारे धर्मग्रंथों में भी द्वारका के बारे में कहा गया है, कि यह सुंदर द्वारों और दुनिया की चोटी जितनी ऊँची इमारतों वाला शहर था। इस नगर का निर्माण स्वयं भगवान कृष्ण ने किया था।”
पीएम मोदी ने कहा, “जब मैं समुद्र की गहराई में गया तो मुझे दिव्यता का अनुभव हुआ… मैंने द्वारकाधीश के सामने सिर झुकाया। मैं अपने साथ एक मोर पंख ले गया और उसे भगवान कृष्ण के चरणों में रख दिया। मैं हमेशा वहाँ जाने और प्राचीन द्वारका शहर के अवशेष को छूने के लिए उत्सुक था। मैं आज भावनाओं से भर गया हूँ… दशकों पुराना सपना आज पूरा हो गया।”
अद्भुत और अलौकिक… आज गहरे समुद्र में दिव्य और भव्य द्वारका जी के दर्शन की अनुभूति अविस्मरणीय बन गई है। pic.twitter.com/D0MtiREw9v
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2024
गौरतलब है, कि सुदर्शन सेतु द्वारकाधीश मंदिर में आने वालों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके साथ ही ओखा मेनलैंड को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ने से इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। सुदर्शन सेतु के निर्माण से पहले तीर्थयात्रियों को बेयत, द्वारकाधीश मंदिर तक पहुँचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता था। बेट द्वारका ओख बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका से 30 किलोमीटर दूर है।
सुदर्शन सेतु को भगवद्गीता के श्लोकों और दोनों तरफ भगवान कृष्ण की छवियों से सजाया गया है। चार लेन वाले इस सिग्नेचर ब्रिज पर दोनों तरफ 50 मीटर चौड़े फुटपाथ है। फुटपाथ के ऊपरी हिस्सों पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जो 1 मेगावाट बिजली भी पैदा करते हैं। बता दें, कि पीएम मोदी ने अक्टूबर 2017 में इस पुल की नींव रखी थी। इस पुल से लक्षद्वीप की जनता को भी सुविधा होगी।