प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार (28 मई 2023) को नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है। उद्घाटन कार्यक्रम में तमिलनाडु के आदिनम (हिंदू मठो के प्रमुख) द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ धार्मिक अनुष्ठान किया गया। नए संसद भवन के लोकार्पण पूजा में प्रधानमंत्री मोदी को अनुष्ठान के बाद आदिनम संतों ने सेंगोल सौंपा, जिसे नए संसद भवन में स्थापित कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन में अपने पहले संबोधन में कहा, “भारत न सिर्फ लोकतंत्र का सबसे बड़ा देश है, बल्कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है। यह वैश्विक लोकतंत्र की नींव भी है। लोकतंत्र हमारा ‘संस्कार’, विचार और परंपरा है।”
#WATCH | India is the mother of democracy. It is also the foundation of global democracy. Democracy is our ‘Sanskaar’, idea & tradition: PM Modi#NewParliamentBuilding pic.twitter.com/IGMkWlhqrm
— ANI (@ANI) May 28, 2023
पीएम मोदी ने कहा, कि हर देश की विकास यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते है, जो सदैव के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तिथियां समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं। उन्होंने कहा, आज 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। इस महोत्सव में भारत के लोगों ने अपने लोकतंत्र को संसद के इस नए भवन का उपहार दिया है।
हर देश की विकास यात्रा में कुछ तारीखें इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं। अमृतकाल में 28 मई, 2023 का आज का यह दिन ऐसा ही एक शुभ अवसर है, जब भारत के लोगों ने अपने लोकतंत्र को संसद के नए भवन का उपहार दिया है। pic.twitter.com/JIDQDEyXNT
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी संसद में आने वाली परेशानियों पर बात करते हुए कहा, कि साथियों संसद के पुराने भवन में सभी के लिए अपने कार्यों को पूरा करना मुश्किल हो रहा था, यह हम सभी जानते है। तकनीक, बैठने की जगह से जुड़ी चुनौतियां थी। हमें यह भी देखना था, कि आने वाले समय में सीटों की संख्या बढ़ेगी, सांसदों की संख्या बढ़ेगी तो वे कहां बैठेंगे। इसलिए यह वक्त की जरूरत थी, कि संसद के नए भवन का निर्माण किया जाए।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों की जो विविधता है, इस नए संसद भवन ने उन सभी को समाहित किया है। इसमें राजस्थान के बलवा पत्थर लगाए गए है। ये जो लकड़ी का काम है, वह महाराष्ट्र से आई है। यूपी में भदोही के कारीगरों ने अपने हाथ से कालीनों को बुना है। एक तरह से इस भवन के कण-कण में हमें एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के दर्शन हुए है।
Today, as we inaugurate the new building of our Parliament, we honour the Shramiks for their tireless dedication and craftsmanship. pic.twitter.com/8FQOWTaFhA
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2023
उल्लेखनीय है, कि रविवार 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में वीर विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उनके चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी भी उपस्थित रहे। बता दें, वीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1889 को महाराष्ट्र के नासिक स्थित भागपुर में हुआ था।
स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के जन्म के 140 वर्ष पूरे हो चुके है। गौरतलब है, कि रविवार (28 मई, 2023) को ही नए संसद भवन का उद्घाटन भी हुआ है। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच चोल राजदंड ‘सेंगोल’ को तमिल ‘आदिनम’ पुरोहितों की उपस्थिति में नवनिर्मित संसद भवन में स्थापित किया गया।