प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार (18 दिसंबर 2023) को 180 फीट ऊंचे सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन कर श्रद्धालुओं एवं देशवासियों को समर्पित किया। स्वर्वेद महामंदिर की संगमरमरी दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार दोहे अंकित किये गए है। 19 वर्षो तक लगातार छह सौ कारीगर, दो सौ श्रमिकों और 15 इंजीनियर की मेहनत आज महामंदिर के पूर्ण स्वरूप में साकार हो चुकी है।
स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि हर बार की तरह इस बार का भी काशी प्रवास सुखद रहा। उन्होंने कहा, कि विरासत और विकास की पटरी पर आज भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। काशी में स्वर्वेद मंदिर के लोकार्पण में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। पीएम मोदी ने कहा, कि इस पावन अवसर पर यहां 25 हज़ार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। मुझे खुशी और विश्वास है, कि इस महायज्ञ की हर एक आहूति से विकसित भारत का संकल्प और सशक्त होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि संतों के सानिध्य में काशी के लोगों ने मिलकर विकास और नवनिर्माण के कितने ही नए कीर्तिमान गढ़े हैं। सरकार, समाज और संतगण सब साथ मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए कार्य कर रहे हैं। आज स्वर्वेद मंदिर बनकर तैयार होना, इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “आप संतों के सानिध्य में काशी के लोगों ने मिलकर विकास और नवनिर्माण के कितने ही नए कीर्तिमान गढ़े हैं। सरकार, समाज और संतगण, सब साथ मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए कार्य कर रहे हैं। आज स्वर्वेद मंदिर का बनकर तैयार होना इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है। ये महामंदिर, महर्षि सदाफल देव जी की शिक्षाओं का, उनके उपदेशों का प्रतीक है। इस मंदिर की दिव्यता जितना आकर्षित करती है, इसकी भव्यता हमें उतना ही अचंभित भी करती है। इसलिए मंदिर का भ्रमण करते हुए मैं खुद भी मंत्रमुग्ध हो गया था।”
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh: PM Modi says, "…Under the guidance of saints, the people of Kashi have set new records in terms of development and new construction…Today, Swarved Mahamandir is an example of this…" pic.twitter.com/ZNyaGVTH1U
— ANI (@ANI) December 18, 2023
पीएम मोदी ने कहा, “स्वर्वेद मंदिर भारत के सामाजिक और आध्यात्मिक सामर्थ्य का एक आधुनिक प्रतीक है। मैं देख रहा था, इसकी दीवारों पर स्वर्वेद को बड़ी सुंदरता के साथ अंकित किया गया है। वेद, उपनिषद्, रामायण, गीता और महाभारत आदि ग्रन्थों के दिव्य संदेश भी इसमें चित्रों के जरिए उकेरे गए हैं। इसलिए, ये मंदिर एक तरह से आध्यात्म, इतिहास और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। यहाँ हजारों साधक एक साथ विहंगम योग की साधना कर सकते हैं। इसलिए, ये महामंदिर एक योगतीर्थ भी है, और साथ-साथ ये ज्ञानतीर्थ भी है।”
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh: PM Modi says, "I was mesmerized when I took a tour of the Swarved Mahamandir…The divine teachings of Vedas, Upanishads, Ramayana, Gita and Mahabharata have been depicted through pictures on the walls of Swarved Mahamandir…" pic.twitter.com/h3dGXifKZ4
— ANI (@ANI) December 18, 2023
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “आजादी के सात दशक बाद आज समय का चक्र एक बार फिर घूमा है। देश अब लाल किले से ‘गुलामी की मानसिकता से मुक्ति’ और अपनी ‘विरासत पर गर्व’ की घोषणा कर रहा है। जो काम सोमनाथ से शुरू हुआ था, वो अब एक अभियान बन गया है। आज काशी में विश्वनाथ धाम की भव्यता भारत के अविनाशी वैभव की गाथा गा रही है।”
उन्होंने कहा, “आज महाकाल महालोक हमारी अमरता का प्रमाण दे रहा है। आज केदारनाथ धाम भी विकास की नई ऊँचाइयों को छू रहा है। बुद्ध सर्किट का विकास करके भारत एक बार फिर दुनिया को बुद्ध की तपोभूमि पर आमंत्रित कर रहा है। देश में राम सर्किट के विकास के लिए भी तेजी से काम हो रहा है। अगले कुछ सप्ताह में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी पूरा होने जा रहा है।”
स्वर्वेद का शाब्दिक अर्थ है- स्व: और वेद। स्व: का अर्थ है आत्मा और वेद का अर्थ है ज्ञान। इसलिए स्वर्वेद का अर्थ है -आत्मा का ज्ञान। अर्थात योग के जिस माध्यम से स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, वो स्वर्वेद है। इस मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के 3137 दोहे उकेरे गए हैं। स्वर्वेद में विहंगम योग से जुड़ी सूक्तियाँ, दोहे लिखे हैं, जिसके रचयिता सद्गुरु सदाफल देव थे।
सद्गुरु सदाफल देव ने वर्ष 1924 में विहंगम योग को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान बनाया था। इस योग क्रिया का अभ्यास पचास से अधिक देशों में किया जाता है। इस स्वर्वेद मंदिर में रामायण, महाभारत, गीता, वेद और उपनिषद को चित्रित किया गया है। स्वर्वेद महामंदिर को 7 मंजिला बनाया गया है, जो मानव शरीर में स्थित साथ चक्रों को निरूपित करता है।
मकराना मार्बल से बने इस महामंदिर की ऊँचाई 180 फीट है, जिसका शीर्ष कमल के आकार का है। इसके मुख्य गुंबद में कमल पुष्प के आकृति की 125 पंखुड़ियाँ बनाई गई हैं। बता दें, कि एक साथ बीस हजार से अधिक लोगों के योग करने की जगह प्रदान करने वाला स्वर्वेद महामंदिर विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र है।