
पीएम मोदी ने टाटा-एयरबस संयंत्र का किया उद्घाटन (चित्र साभार: @DRDO_India)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो संशेज के साथ गुजरात के वडोदरा स्थित C-295 विमान फैक्ट्री का उद्घाटन किया है। गौरतलब है, कि विमानों का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत एयरबस और टाटा संयुक्त रूप से मिलकर करेंगे। एयरबस के सहयोग से स्थापित टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की इस फाइनल असेंबली लाइन में 40 एयरबस C-295 का निर्माण किया जायेगा।
वडोदरा स्थित विमान फैक्ट्री के उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “भारत में डिफेंस निर्माण का इकोसिस्टम नई ऊँचाइयाँ को प्राप्त कर रहा है। अगर हमने 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो आज यह संभव नहीं होता। उन्होंने कहा, कि हमने डिफेंस निर्माण में निजी सहभागिता को बढ़ाया है और सरकारी कंपनियों को किफायती बनाया है।”
#WATCH | Vadodara, Gujarat: On the inauguration of TATA Aircraft Complex for manufacturing C-295 aircraft, PM Narendra Modi says, "…Today the defence manufacturing ecosystem in India is touching new heights. If we had not taken concrete steps 10 years ago, it would have been… pic.twitter.com/gUJTxEHfUz
— ANI (@ANI) October 28, 2024
पीएम मोदी ने इस अवसर पर टाटा संस के पूर्व चेयरमैन दिवंगत रतन टाटा को याद करते हुए कहा, कि यदि वह इस मौके पर मौजूद होते तो काफी खुश होते। पीएम मोदी ने कहा, कि जहाँ भी रतन टाटा की आत्मा होगी, वह प्रसन्न होगी। बता दें, कि अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वडोदरा में फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) का शिलान्यास किया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह केन्द्र भारत में सैन्य विमानों से संबंधित निजी क्षेत्र की पहली फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) होगी। इसमें विमान के निर्माण से लेकर संयोजन, परीक्षण एवं योग्यता, वितरण और विमान के संपूर्ण जीवनचक्र के रखरखाव तक से संबंधित एक संपूर्ण इकोसिस्टम का पूर्ण विकास शामिल होगा।
वडोदरा में एयरबस और टाटा की संयुक्त फैक्ट्री में टाटा के अलावा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ-साथ निजी क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम भी योगदान देंगे। बताया जा रहा है, कि पहला सी-295 विमान दो साल बाद साल 2026 में बनकर तैयार हो जाएगा। टाटा और एयरबस द्वारा संयुक्त रूप से बनाया जा रहा यह विमान कई मायनों में बेहद विशेष है।
मूल रूप से कार्गो ट्रांसपोर्ट विमान का मुख्य उद्देश्य सैन्य साजोसामान अथवा सैनिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुँचाना है। दो पायलटों द्वारा उड़ाया जाने वाला यह विमान 73 सैनिकों को एक बार में लेकर जा सकता है। साथ ही एक बार में करीब 9 टन सामान ले जा सकता है। इस विमान की लैंडिंग के लिए भी कोई खास रनवे की जरुरत नहीं होती है। ऐसे में यह दुर्गम क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना के लिए उपयोगी साबित होगा।