प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (26 नवंबर 2023) को रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश को संबोधित करते हुए कहा, कि मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूँ। उन्होंने कहा, कि मुंबई आतंकी हमले में लोगों की सुरक्षा करते हुए जिन जाबांज जवानों ने जान की बाजी लगाई, उन्हें आज देश याद कर रहा है, मैं उन सभी जांबाजों को श्रद्धांजलि देता हूँ।
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, “आज 26 नवंबर है और इस दिन को हम कभी नहीं भूल सकते। आज ही के दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने मुंबई और पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था, लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है, कि हम उस हमले से उबरे और अब पूरे हौंसले से आतंक को कुचल रहे है। मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूँ।”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, कि स्वच्छ भारत अभियान ने साफ-सफाई और सार्वजनिक स्वच्छता को लेकर लोगों की सोच बदल दी है। सूरत में एक टीम ने मिलकर प्रोजेक्ट सूरत की शुरुआत की है। इसके जरिए सूरत को मॉडल शहर बनाया जा रहा है, जो सफाई और सतत विकास की मिसाल बने। इस पहल के जरिए पहले बीच की सफाई होती थी, मगर अब नदी को भी साफ किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सूरत में युवाओं की एक टीम ने प्रोजेक्ट सूरत की शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य सूरत को सफाई और सस्टेनेबल विकास की मिसाल बनाना है। इसके तहत युवा सार्वजनिक स्थानों की सफाई करते है और आज इन लोगों की संख्या 50 हजार से ज्यादा हो गई है। इन लोगों की टीम ने लाखों किलो कचरा हटाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 107वें संस्करण के दौरान कहा, कि आज पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इसका उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “26 नवंबर का दिन एक वजह खास भी है। इस दिन ही संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था। 2015 में जब संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी, तब हमने 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था। मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बधाई देता हूँ।”
पीएम मोदी ने कहा, कि संविधान को तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। 60 देशों के संविधान के गहन अध्ययन के बाद हमारा संविधान तैयार हुआ है। उन्होंने बताया, कि संविधान को अंतिम रूप देने से पहले उसमें 2000 से ज्यादा संशोधन किए गए थे। अब तक सभी सरकारों ने अपने-अपने हिसाब से 106 बार संविधान संशोधन किया है। पीएम मोदी ने कहा, कि 44वें संशोधन के जरिए आपातकाल के समय हुई गलतियों को सुधारा गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सिर्फ त्योहारों तक ही सीमित न रखने की अपील करते हुए आग्रह किया, कि उन्हें शादी के मौसम में भी स्थानीय उत्पादों को महत्व देना चाहिए। ‘मन की बात’ की पिछली कड़ी में लोगों से स्थानीय उत्पादों की खरीदारी पर बल देने के अपने आग्रह का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया।’
उन्होंने कहा, कि अब तो घर के बच्चे भी दुकान पर कुछ खरीदते समय देखने लगे है, कि उस पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा है कि नहीं। पीएम मोदी ने कहा, कि साथियों, भारतीय उत्पादों के प्रति यह भावना केवल त्योहारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. अभी शादियों का मौसम भी शुरू हो चुका है। कुछ व्यापार संगठनों का अनुमान है, कि शादियों के इस सीजन में करीब 5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है।
उन्होंने कहा, कि शादियों से जुड़ी खरीदारी में भी आप सभी भारत में बने उत्पादों को ही महत्व दें। और हां, जब शादी की बात निकली है, तो एक बात मुझे लंबे अरसे से कभी-कभी बहुत पीड़ा देती है और मेरे मन की पीड़ा, मैं, मेरे परिवारजनों को नहीं कहूंगा, तो किसको कहूंगा? पीएम मोदी ने कहा, आप सोचिये, इन दिनों ये जो कुछ परिवारों में विदेशों में जाकर के शादी करने का जो एक नया ही वातावरण बनता जा रहा है, ये जरूरी है क्या?
प्रधानमंत्री ने कहा, कि भारत की मिट्टी में, भारत के लोगों के बीच, अगर हम शादी ब्याह मनाएं, तो देश का पैसा, देश में रहेगा। देश के लोगों को आपकी शादी में कुछ-न-कुछ सेवा करने का अवसर मिलेगा, छोटे -छोटे गरीब लोग भी अपने बच्चों को आपकी शादी की बातें बताएंगे।
पीएम मोदी ने कहा, क्या आप ‘वोकल फॉर लोकल’ के इस मिशन को विस्तार दे सकते है? क्यों न हम शादी ब्याह ऐसे समारोह अपने ही देश में करें? हो सकता है, आपको चाहिए वैसी व्यवस्था आज नहीं होगी, लेकिन अगर हम इस प्रकार के आयोजन करेंगे तो व्यवस्थाएं भी विकसित होंगी। ये बहुत बड़े परिवारों से जुड़ा हुआ विषय है। मैं आशा करता हूँ, मेरी ये पीड़ा उन बड़े-बड़े परिवारों तक जरूर पहुंचेगी।