प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मिस्र पहुंच गए। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा कमाल मदबूली ने उनका काहिरा एयरपोर्ट पर स्वागत किया। रविवार 25 जून को राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ पीएम मोदी की महत्वपूर्ण वार्ता होगी। उल्लेखनीय 1997 के बाद किसी भारतीय पीएम की मिस्र की यह पहली राजकीय यात्रा है।
पश्चिमी एशिया और अफ्रीका में अपने रिश्तों को नए सिरे से मजबूत करने में जुटी भारत सरकार के लिए यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। हाल ही में 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी को मुख्य अतिथि के रूप में भारत आमंत्रित किया गया था। तब दोनों देशों ने एक-दूसरे को रणनीतिक साझेदार घोषित किया था। यह पहली बार था जब मिस्र के किसी राष्ट्रपति को यह सम्मान दिया गया।
काहिरा पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई, कि भारत व मिस्र के रिश्ते और मजबूत होंगे। दोनों देशों की जनता को इससे फायदा होगा। मोदी की इस यात्रा के बाद सितंबर, 2023 में अल-सिसी के फिर से भारत आने की संभावना है। भारत ने G-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए मिस्र को विशेष मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया है। यह दर्शाता है, कि भारत मिस्र को कितना महत्व दे रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी, “व्यापार एवं निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल भुगतान मंच, दवा तथा लोगों के बीच संपर्क सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने पर चर्चा हुई। इसके साथ ही पीएम मिस्र के सबसे बड़े मुफ्ती डा शाकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लम से भी मिले। वह प्रवासी भारतीयों और बोहरा समुदाय के लोगों से भी मिले।
PM @narendramodi arrives in Cairo on a State visit to Egypt.
Know what the visit has in store. pic.twitter.com/s6DCLXyKDp
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) June 24, 2023
रविवार को पीएम का पहले अल-करीम मस्जिद जाने का कार्यक्रम है और उसके बाद वह हेलियोपोलिस जाएंगे जहां प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए भारतीय सिपाहियों के स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। इसके बाद उनकी राष्ट्रपति अल-सिसी के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। बता दे, मिस्र वर्तमान दौर में भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसे उम्मीद है, कि भारत के साथ आर्थिक सहयोग से इस संकट से उबरने में सहायता मिलेगी। मिस्र ने फिलहाल अभी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद मांगी है।
उल्लेखनीय है, कि मिस्त्र एक इस्लामिक देश है, वहीं भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से मिस्त्र के संबंध अच्छे नहीं है। साल 2022 के अंत में इस्लामिक देशों के सम्मेलन में जब भारत के खिलाफ पाकिस्तान एक प्रस्ताव लेकर आया था, तो मिस्र की कड़ी आपत्ति दर्ज करने के चलते प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया था। इससे साबित होता है, कि मिस्र भारत की तरफ बेहतर रिश्ते बना रहा है।