लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके है, अब आठ राज्यों की 57 सीटों पर शनिवार (1 जून, 2024) को सातवें व अंतिम चरण का मतदान होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पोलिंग का समापन हो जाएगा। जबकि 4 जून को चुनाव परिणाम घोषित किये जायेगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को चुनाव प्रचार के समाप्त होने के बाद कन्याकुमारी का दौरा करेंगे। पीएम मोदी कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए गए स्मारक रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा नेताओं ने मंगलवार को बताया, कि 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक पीएम मोदी ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे। ऐसा माना जाता है, कि इस स्थान पर स्वामी विवेकानंद को ‘भारत माता’ के विषय में दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी। बता दें, कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ धाम स्थित गुफा में इसी प्रकार का ध्यान लगाया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी कन्याकुमारी स्थित ध्यान मंडपम की उस शिला पर ध्यान साधना करेंगे, जहाँ पर कभी स्वामी विवेकानंद द्वारा ध्यान लगाया गया था। बताया जा रहा है, कि प्रधानमंत्री मोदी सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार थमने के बाद 30 मई को ही कन्याकुमारी पहुँच जाएँगे।
PM Modi will meditate at Vivekanand Rock Memorial, Kanyakumari on May 31
Here at Dhayan Mandapam Swami Vivekananda meditated 3 days & got the vision of Bharat Mata
Goddess Parvati also believed to have waited here for Lord Shiva while mediating
East & west coast meets here pic.twitter.com/XyTPKhSXRO
— Great Indian Saga (@greatindiansaga) May 28, 2024
उल्लेखनीय है, कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले भी पीएम मोदी ने तमिलनाडु में भगवान श्रीराम से जुड़े मंदिरों में दर्शन व पूजा अर्चना की थी। पीएम मोदी सुदूर दक्षिण भारत में ध्यान लगाकर राष्ट्रीय एकता का भी परिचय देंगे, साथ ही यह संदेश देंगे, कि भारत एक है और यहाँ की संस्कृति एक है।
विवेकानंद शिला पर ध्यान लगाने के साथ ही पीएम मोदी ‘विवेकानंद रॉक मेमोरियल’ का दौरा भी करेंगे। ‘ध्यान मंडपम’ में प्रधानमंत्री 30 मई की शाम से लेकर 1 जून की शाम तक रहेंगे। कन्याकुमारी में ही स्वामी विवेकानंद के भीतर ‘भारत माता’ का विचार उत्पन्न हुआ था। जो स्थान गौतम बुद्ध के जीवन में सारनाथ का है, वही स्वामी विवेकानंद के जीवन में इस स्थल का महत्व माना जाता है।
देशाटन के दौरान स्वामी विवेकानंद इस स्थान पर पहुँचे थे और सागर की लहरों के बीच लगातार तीन दिनों तक ध्यान साधना की थी। यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। इसके साथ यह वह दिव्य स्थान है, जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती है। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है।
उल्लेखनीय है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के अंत में आध्यात्मिक यात्राएं करने के लिए जाने जाते है। इस बार 30 मई को पीएम मोदी कन्याकुमारी पहुंचेंगे और 1 जून तक वहीं प्रवास करेंगे। वर्ष 2019 में भी पीएम मोदी ने केदारनाथ का दौरा किया था, जबकि साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतापगढ़ किले का दौरा किया था।