रूस के हमलों के बीच यूक्रेन से पढाई छोड़कर स्वदेश लौटने वाले मेडिकल स्टूडेंट को लेकर एक नई बहस ने आकार ले लिया है, उल्लेखनीय है, वर्तमान समय में भारत के मेडिकल संस्थानों में मोटी फीस को लेकर खूब चर्चाये की जा रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जन औषधि दिवस’ के अवसर पर अपने सम्बोधन में बड़ी घोषणा करते हुए कहा, कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस तय की जाएगी।
कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा।
हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) March 7, 2022
मोदी सरकार के फैसले से गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा यह बड़ा निर्णय लिया गया है, जिसका फायदा गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों को मिलेगा। गौरतलब है, कि मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षो में मेडिकल संस्थानों की सीटों में बड़ी संख्या में वृद्धि की है। हालाँकि इसके बावजूद भी प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में मोटी फीस के चलते भारतीय छात्र यूक्रेन, चीन, कजाकिस्तान समेत अन्य देशो का रुख करते है।
जन औषधि केंद्र तन और मन की चिंता कम करने वाली औषधि
पीएम मोदी ने ‘जन औषधि दिवस’ के मौके पर कहा, कि जन औषधि केंद्र शरीर सहित मन की चिंता को कम करने वाली औषधि है, और धन को बचाकर जन सामान्य को राहत देने वाला केंद्र भी है। पीएम मोदी ने कहा, कि दवाई का पर्चा हाथ में आने के बाद लोगों के मन में जो आशंका होती थी, कि, पता नहीं दवा खरीदने में कितना पैसा खर्च होगा, अब वो चिंता कम हुई है। पीएम मोदी ने कहा, कि आज देश में लगभग साढ़े आठ हजार से अधिक जन-औषधि केंद्र खुले है।
जरूरी 800 से ज्यादा दवाइयों की कीमत को नियंत्रित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि हमारी सरकार ने कैंसर, टीबी, डायबिटीज, हृदयरोग जैसी अन्य बीमारियों के उपचार के लिए जरूरी आठ सौ से ज्यादा दवाइयों की कीमत को भी कंट्रोल किया है। इसके अलावा भारत सरकार ने ये भी सुनिश्चित किया है, कि स्टंट लगाने और ‘Knee Implant’ की कीमत भी नियंत्रित रहे। उल्लेखनीय है, कि कोरोना महामारी के बाद ढांचागत स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चर्चाओं के बीच मोदी सरकार अगली किसी कोरोना जैसी आपदा से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है।