प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनदिनों दक्षिण एशियाई देश लाओस के दौरे पर है। इसी क्रम में पीएम मोदी लाओस दौरे के दूसरे दिन 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। बता दें, कि आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीते गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर लाओस पहुंचे थे। पीएम मोदी लाओस जनवादी लोकतान्त्रिक गणराज्य के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफनाडोन के निमंत्रण पर इस देश की दो दिवसीय यात्रा पर है।
लाओस में प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक नेताओं से भी मिल रहे है। लाओस में पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री, फिलीपींस के राष्ट्रपति, अमेरिकी विदेश मंत्री समेत जापान के नए प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की है। साथ ही प्रधानमंत्री ने दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के साथ ही कई द्विपक्षीय बैठकें भी की है। भारत के लिहाज से पीएम मोदी की यात्रा का मुख्य बिंदु आसियान-इंडिया शिखर सम्मेलन रहा है।
The India-ASEAN Summit was a productive one. We discussed how to further strengthen the Comprehensive Strategic Partnership between India and ASEAN. We look forward to deepening trade ties, cultural linkages and cooperation in technology, connectivity and other such sectors. pic.twitter.com/qSzFnu1Myk
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
बता दें, कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में आसियान के दस सदस्य देश एवं आठ साझेदार राष्ट्र क्रमशः भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और अमेरिका शामिल हो रहे हैं। वहीं दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) की स्थापना वर्ष 1967 में हुई थी। इसके सदस्य देशों में भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारस्सलाम देश शामिल है।
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया की एक्ट ईस्ट नीति के दस वर्ष पूर्ण होने पर खुशी व्यक्त की है। पीएम मोदी ने कहा, कि दक्षिण एशियाई देश भारत के पड़ोसी और ग्लोबल साउथ मुहिम में अहम सहयोगी हैं। पीएम मोदी ने कहा, कि 21वीं सदी एशियाई देशों की सदी है। उन्होंने कहा, कि दुनिया भर में अलग-अलग स्थानों पर संघर्ष हो रहे हैं, ऐसे में आसियान और भारत का सहयोग और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने एक्ट ईस्ट नीति के दस साल पूरे होने पर 10 सूत्रीय कार्यक्रम का ऐलान किया है।
गौरतलब है, कि आसियान भारत के लिए मौजूदा वैश्विक हालात के मद्देनजर बेहद जरूरी है। इसके कई देशों की भारत से जमीन या समुद्री सीमाओं से जुड़ी हुई है। इसके अलावा भारत के लिए यह देश सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम है। वहीं आसियान देशों के लिए भी भारत काफी महत्वपूर्ण है। भारत इन देशों के नागरिकों की मेडिकल और शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करता है। दरअसल, आसियान पर भारत चीन के प्रभाव को भी कम करना चाहता है। भारत आसियान को अपनी एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य हिस्सा मानता है।