स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, ‘सभी देशवासी 78वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे है, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लहराते हुए तिरंगे को देखना – चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे आस-पास हो – हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है।’
I am delighted to see the nation prepare to celebrate the 78th Independence Day. Witnessing the tri-colour unfurl on this occasion, be it at the Red Fort, at state capitals or in local neighbourhoods, always thrills our hearts. pic.twitter.com/b7k3T8xQrY
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 14, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा, “यह उत्सव, 140 करोड़ से अधिक देशवासियों के साथ अपने इस महान देश का हिस्सा होने की हमारी खुशी को अभिव्यक्त करता है। जिस तरह हम अपने परिवार के साथ विभिन्न त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी है।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “पंद्रह अगस्त के दिन, देश-विदेश में सभी भारतीय, ध्वजारोहण समारोहों में भाग लेते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। जब हम बच्चों को अपने महान राष्ट्र तथा भारतीय होने के गौरव के बारे में बातें करते हुए सुनते है, तो उनके उद्गारों में हमें महान स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं की प्रतिध्वनि सुनाई देती है।
उन्होंने कहा, “हमें यह अनुभव होता है कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी।”
राष्ट्रपति ने कहा, कि मेरे प्यारे देशवासियो, इतिहास की इस श्रृंखला की एक कड़ी होने का बोध हमारे अंदर विनम्रता का संचार करता है। यह बोध हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब हमारा देश, विदेशी शासन के अधीन था। राष्ट्र-भक्ति और वीरता से ओत-प्रोत देश-प्रेमियों ने अनेक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिए। हम उनकी पावन स्मृति को नमन करते हैं। उनके अथक प्रयासों के बल पर भारत की आत्मा सदियों की नींद से जाग उठी।
उन्होंने कहा, कि अंतर-धारा के रूप में सदैव विद्यमान रही हमारी विभिन्न परंपराओं और मूल्यों को, पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे महान स्वाधीनता सेनानियों ने नई अभिव्यक्ति प्रदान की। मार्गदर्शक-नक्षत्र की तरह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वाधीनता संग्राम की विभिन्न परंपराओं और उनकी विविध अभिव्यक्तियों को एकजुट किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।’
Today, on 14th August, the nation is observing Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas, a day to recall partition horrors. As the great nation was divided, millions had to suffer forced migration, lakhs of people lost their lives. A day before we celebrate Independence Day, we recall… pic.twitter.com/Q4PwL0bQRF
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राष्ट्रपति ने कहा, ‘आजादी का यह पर्व हमें उन दिनों की याद दिलाता है, जब देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। हमारे स्वाधीनता संग्रमियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की। सरदार पटेल, बोस, भगत सिंह, बाबा साहेब आंबेडकर जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है।’
On the eve of Independence Day, President #DroupadiMurmu says, ‘We must remember the words of Dr. B. R. Ambedkar, the architect of our Constitution. He had rightly said, and I quote, “We must make our political democracy a social democracy as well. Political democracy cannot last… pic.twitter.com/XOlkuFARyP
— DD News (@DDNewslive) August 14, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है। ऐसा करके, उन्होंने भारत को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है।’ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, G-20 की अपनी अध्यक्षता के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद, भारत ने वैश्विक दक्षिण को मुखर अभिव्यक्ति देने वाले देश के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत बनाया है।”
After the successful completion of its G-20 Presidency, India has consolidated its role as the voice of the Global South. India intends to use its influential position to expand the scope of world peace and prosperity. pic.twitter.com/FQtyMGseMq
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 14, 2024
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “इस वर्ष, हमारे देश में आम चुनाव हुए। कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 97 करोड़ थी, जो एक ऐतिहासिक कीर्तिमान है। मानव समुदाय, इतिहास की सबसे बड़ी चुनाव प्रक्रिया का साक्षी बना।” उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा मताधिकार का प्रयोग करना वस्तुतः लोकतंत्र की विचारधारा का प्रबल समर्थन है। भारत द्वारा सफलतापूर्वक चुनाव आयोजित करने से पूरे विश्व में लोकतांत्रिक शक्तियों को ताकत मिलती है।”
अपने संबोधन में राष्ट्रपति #द्रौपदी_मुर्मु ने कहा, "इस वर्ष, हमारे देश में आम चुनाव हुए। कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 97 करोड़ थी, जो एक ऐतिहासिक कीर्तिमान है… इस तरह के विशाल आयोजन के सुचारु और त्रुटि-रहित संचालन के लिए भारत का निर्वाचन आयोग बधाई के योग्य है।"#IndependenceDay pic.twitter.com/MKxECkE10o
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) August 14, 2024