योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सोमवार को 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद को पद्म श्री से सम्मानित किया। उल्लेखनीय है, कि वाराणसी के निवासी स्वामी शिवानंद 125 वर्ष की उम्र में भी पूर्ण रूप से स्वस्थ है। बता दें, राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले 128 नागरिको को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया है।
गौरतलब है, कि योग गुरु स्वामी शिवानंद का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह के दौरान जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा योग गुरु स्वामी शिवानंद को पद्मश्री से सम्मानित करने के लिए उनके नाम की घोषणा हुई, तो वह बेहद फुर्ती के साथ अपने स्थान से उठे और तीन बार अपना शीश झुकाया। स्वामी शिवानंद द्वारा सर्वप्रथम प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष शीश झुकाया। इस दौरान पीएम मोदी स्वामी शिवानंद का यह आदर भाव देखकर अपनी कुर्सी से उठकर शिवानंद के सम्मान में झुक गए। इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेता योग गुरु के सम्मान में अपनी कुर्सी से उठ गए थे और तालियों से उनका अभिवादन किया।
125-year-old yoga practitioner, Swami Sivananda conferred with Padma Shri. pic.twitter.com/baPZKKW0rM
— Anshul Saxena (@AskAnshul) March 21, 2022
वीडियो में देखा जा सकता है, कि इसके बाद योग गुरु शिवानंद ने दो बार झुककर राष्ट्रपति को दंडवत प्रणाम किया। यह देखकर राष्ट्रपति कोविंद भी अपने स्थान से उठ खड़े हुए और उन्होंने आगे बढ़कर स्वामी शिवानंद को उठाया और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। जानकारी के अनुसार, स्वामी शिवानंद कबीरनगर इलाके के रहने वाले है, वह 125 साल की उम्र में भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। स्वामी शिवानंद का जन्म 3 अगस्त 1896 का बताया जाता है।
President Kovind presents Padma Shri to Swami Sivananda for Yoga. Dedicating his life for human welfare, he has been serving leprosy-affected people at Puri for the past 50 years. Born in 1896, his healthy & long life has drawn attention of national & international organisations. pic.twitter.com/TfJhGMHCOV
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 21, 2022
चमक-दमक से दूर रहना पसंद करने वाले स्वामी शिवानंद योग और धर्म में विशेष रुचि रखते है और प्रतिदिन प्रातः 3 बजे उठकर योगाभ्यास करते है। बंगाल के श्रीहट्टी जिले जन्मे स्वामी शिवानंद के माता-पिता की मृत्यु भूख की वजह से होने के कारण वह आजीवन आधा पेट भोजन ही ग्रहण करते है। माता-पिता की मौत के बाद वह बंगाल से वाराणसी आ गए और यहाँ पर उन्होंने गुरु ओंकारानंद से दीक्षा ली।