प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरुवार को पीठासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र के अवसर पर कहा कि ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ वर्तमान समय में मात्र विचार-विमर्श का विषय नहीं है अपितु यह राष्ट्र के लिए अति आवश्यक है प्रधानमंत्री मोदी ने कहा इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
'One Nation, One Election' isn't just an issue of deliberation, but also need of the country.
Only one voter list should be used for Lok Sabha, Vidhan Sabha and other elections. Why're we wasting time and money on these?
– PM @narendramodi pic.twitter.com/64VrPdry3f
— BJP (@BJP4India) November 26, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्र में कुछ माह के अंतराल में कहीं न कहीं चुनाव होते रहते है। इस कारण विकास कार्य प्रभावित होते है। ऐसे में एक राष्ट्र एक चुनाव के विषय में सम्पूर्ण राष्ट्र में गहनता से सोचने कि जरुरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्ध में पीठासीन अधिकारी मार्गदर्शन करने के साथ ही महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आपातकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि सतर के दशक में तत्कालीन सरकार का यह प्रयास शासन के विकेन्द्रीकरण के प्रतिकूल था। परन्तु इसका उत्तर भी भारतीय संविधान के अंतर्गत ही मिला। राष्ट्र आपातकाल के इस घटनाक्रम से सीख कर कार्यपालिका ,न्यायपालिका एवं विधायिका के मध्य उचित संतुलन साधकर एक फिर मजबूती खड़ा हुआ है।
प्रधानमंत्री द्वारा कहा गया कि यह मात्र इस कारण संभव हो पाया 130 करोड़ भारत के नागरिको को सरकार के इन प्रमुख स्तंभों पर पूर्ण विश्वास था और इसी विश्वास के संकल्प के साथ यह समय के साथ और सुदृढ़ होता गया। उतरदायित्वों एवं कर्तव्य निर्वाहन के महत्व पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कहा गया कि कर्तव्यों का पूर्ण निष्ठां से पालन, गरिमा और आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण तत्व के रूप में लिया जाना चाहिए।