भारतीय वायुसेना की ताकत बाहुबली फाइटर जेट राफेल को गुरुवार को रफाल 17वें स्क्वाड्रन, “गोल्डन ऐरो” का हिस्सा बनेगा। इसके भारतीय वायुसेना में शामिल होते ही हिन्दुस्तान की आसमानी ताकत बढ़ जाएगी। क्योंकि दोनों पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के पास इसमें लगे हथियारों की कोई काट नहीं है।
राफेल का सबसे खतरनाक हथियार है स्कैल्प पीएल-15 एमराम मिसाइल जिससे किसी भी दुश्मन देश के नापाक मंसूबो को ध्वस्त किया जा सकता है। अभी तक भारत के आधुनिक फाइटर जेट के मुकाबले चीन के पास अपना बनाया हुआ जे-20 लड़ाकू विमान है तथा पाकिस्तान के पास अमेरिका से खरीदा हुआ F-16 फाइटर जेट है।
राफेल अपनी उड़ानस्थल से दूर विमान ले जाकर सफलतापूर्वक हमला कर लौट सकता है। राफेल पर लगी गन एक मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है। राफेल में जितना तगड़ा रडार सिस्टम है उतना एफ-16 में नहीं है। राफेल का रडार सिस्टम 100 किलोमीटर के दायरे में एकबार में एकसाथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है जबकि पाकिस्तानी एफ-16 का रडार 84 किलोमीटर के दायरे में केवल 20 टारगेट को ही पहचान सकता है।
राफेल की असीम शक्ति की वजह से भारत के दुश्मनों के होश फाख्ता हैं। राफेल 4.5 जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। भारत और फ्रांस के साथ हुए करार के मुताबिक 2022 तक भारत को 36 राफेल जेट भारत को मिल जाएंगे। पहले 18 राफेल जेट अंबाला एयरबेस में रखे जाएंगे जबकि बाकी के 18 विमान पूर्वोत्तर के हाशीमारा में तैनात किए जाने का प्लान है।
सीमा पर भारत को आक्रामक रुख दिखा रहे चीन के साथ सीमापर बढ़ते तनाव के बीच जम्मू-कशमीर के किश्तवाड़ जिले में भी लड़ाकू विमान उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। किश्तवाड़ में सोमवार को पहली बार लड़ाकू अपाचे हेलीकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। इलाके के हेलीपैड पर दो अपाचे हेलीकॉप्टर उतारने के साथ ही पायलटों ने पूरे क्षेत्र का जायजा लिया।