कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने सामान्य जन जीवन को तहस नहस करके रख दिया है। एक ओर कोरोना ने लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है। वही दूसरी ओर जमाखोरी , मंहगाई ओर ओर काम धंधे बंद होने से लोगो की आर्थिक हालत भी खस्ता हो गयी है। निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगो की जो कुल जमा पूंजी थी, वह कोरोना की पहली लहर खा गयी थी। इसके बाद आयी दूसरी लहर ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालो की कमर तोड़ कर रख दी है।
कोरोना संक्रमण की घातक दूसरी लहर में कई बच्चे अनाथ हो गए है। हालांकि मोदी सरकार ने सराहनीय कदम उठाते हुए अनाथ बच्चो और जिनके परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य कोरोना के काल में समा गया है, उनको आर्थिक मदद पहुंचने का पूरा भरोसा दिया है। परन्तु लाख सुधार के दावों के बाद भी सरकारी तंत्र की उदासीनता से सभी भली भांति परिचित है। कोरोना काल में निजी क्षेत्र की कुछ कंपनिया कोरोना काल में अपने यहाँ काम करने वालो की अनदेखी कर रही है, तो कुछ इस विकट परिस्थिति में भी उनके साथ मजबूती के साथ खड़े है।
ऐसा ही उदहारण तब देखने को मिला, जब इस कोरोना विपत्ति काल में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कोरोना संक्रमण की कहर में अपने प्राण गंवा चुके कर्मचारियों की सहायता के लिए आगे आया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और निदेशक नीता अंबानी द्वारा कोरोना के चलते अपनी जान गवाने वाले कर्मचारियों के परिवार की मदद के लिए बड़ा ऐलान किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और निदेशक नीता अंबानी द्वारा अपने कर्मचारीयो को भेजे गए पत्र में ‘रिलायंस परिवार संबल एवं कल्याण योजना’ की घोषणा की है। इसके अंतर्गत रिलायंस कंपनी कोरोना के चलते अपने जीवन से हाथ धोने वाले कर्मचारियों के अंतिम वेतन का भुगतान उसके नॉमिनी को आने वाले अगले पांच साल तक हर माह करती रहेगी।
इसके साथ ही रिलायंस कंपनी मृतक कर्मचारी के सभी बच्चों का हिन्दुस्तान के किसी भी संस्थान में स्नातक तक की पढ़ाई का सारा खर्च वहन करेगी। रिलायंस कंपनी के कर्मचारी के जीवनसाथी, माता-पिता एवं बच्चों के इलाज का सौ फीसदी खर्च भी वहन करेगी। रिलायंस कंपनी द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है, कि कर्मचारी स्वयं अथवा परिवार के किसी भी सदस्य के कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने पर विशेष कोविड-19 अवकाश का लाभ तब तक उठा सकते हैं, जब तक कर्मचारी अथवा उसके परिवार का सदस्य कोरोना से पूर्ण स्वास्थ्य लाभ नहीं ले लेता।