कर्तव्य पथ पर 74वें गणतंत्र दिवस पर मानसखंड थीम पर आधारित उत्तराखंड की झांकी ने देश मे पहला स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के बाद देवभूमि उत्तराखंड का नाम इतिहास में दर्ज हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि के लिए राज्यवासियों को बधाई देते हुए कहा, कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है।
गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित उत्तराखण्ड की झांकी "मानसखंड" को देश में प्रथम स्थान मिला है। मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है। pic.twitter.com/diRrrvXHia
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) January 30, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। “मानसखण्ड” मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊँ क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। “मानसखण्ड” मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊँ क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है।
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उल्लेखनीय है, कि भारत सरकार को भेजी गई झांकी का विषय मानसखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा ही सुझाया गया था। सीएम धामी ने मंदिर माला मिशन के तहत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव सुझाया था। गढ़वाल की चारधाम यात्रा की भांति धामी सरकार कुमाऊं में मंदिर माला मिशन के तहत पर्यटन बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसी के दृष्टिगत पौराणिक जागेश्वर धाम को झांकी में प्रदर्शित किया गया था।
जानकारी के लिए बता दें, गणतंत्र दिवस 2023 की परेड में उत्तराखंड की झांकी में प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क, बारहसिंगा, राज्य पशु कस्तूरी मृग, गोरल, पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल आदि व उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के अगले और पिछले भाग में उत्तराखंड का नाम ऐपण कला से चित्रित किया गया था।
उत्तराखंड की झांकी में जागेश्वर धाम मंदिर के आगे और पीछे घनघोर देवदार के वृक्षो का वातावरण तैयार किया गया था। बता दें, पुराणों में गढ़वाल को केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में उल्लेख किया गया है। स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है।
उल्लेखनीय है, कि टीम लीडर संयुक्त निदेशक केएस चौहान के नेतृत्व में झांकी में उत्तराखंड की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस नृत्य में पिथौरागढ़ के भीम राम के दल के 16 कलाकारों का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा। झांकी का थीम सांग ‘जय हो कुमाऊं, जय हो गढ़वाला’ को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था। जिसे सौरभ मैठाणी और सहयोगियों ने स्वरबद्ध किया था।