26 जनवरी को जब पूरा देश गणतंत्र दिवस की खुशियाँ मना रहा था। उसी बीच दिल्ली की सड़को पर तथाकथित किसान आंदोलनकारियों एवं उपद्रवियों द्वारा हिंसक प्रदर्शन ने सम्पूर्ण राष्ट्रवासियों को विचलित कर दिया। लाल किले के प्राचीर पर जहा देश का राष्ट्रीय ध्वज शान से लहराता था। वहा अपना खालसा का झंडा’ फहरा कर इन हिंसक प्रदर्शनकरियो ने पूरी दुनिया में भारतवासियो को शर्मिंदा कर दिया।
Really Shaheed Bhagat Singh , Rajguru and Sukhdev is ashamed today after seeing this…#किसान_नहीं_गुंडे pic.twitter.com/Z8NjbRjtvM
— Noun in You , Verb in Mine ??? (@PhotonSush21) January 26, 2021
दुनिया के सबसे बढ़े लोकतंत्र के 72वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर किसानो ने नाम पर दिल्ली में अराजकता ऐसा नंगा नाच खेला, कि यह दिवस भारतीय इतिहास में राष्ट्रीय शर्मिंदगी के रूप में दर्ज हो गया। गौरतलब है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही तीनों कृषि बिलो को तीन महीने के लिए स्थगित कर चुका है। केंद्र सरकार द्वारा भी इन तीन कानूनों को डेढ़ वर्ष के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव किसानो को दिया है।
आज 26 जनवरी के दिन पूरी दुनिया में भारत को शर्मसार कर दिया। एक ओर जहा देश की आन-बान-शान भारतीय सेना राजपथ में अपने शौर्य का प्रदर्शन कर रही थी। वही दूसरी ओर फर्जी किसान आंदोलन में की आड़ में पूरी दिल्ली में तांडव मचा रहे थे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पूर्वनिर्धारित ट्रैक्टर परेड के लिए जो मार्ग पुलिस और किसान संगठन ने निर्धारित किया था। उसका किसान आंदोलनकारियों ने पालन नहीं किया।
यह पूरी घटना अमेरिकी में हुई कैपिटल हिल हिंसक प्रदर्शन की याद दिलाता है। जानकारी के लिए बता दे, अमेरिका के कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गिनती के समय प्रदर्शनकारी ने इमारत में घुस कर हिंसक प्रदर्शन और हंगामा किया। ठीक उसी तर्ज पर दिल्ली में फर्जी किसान घुसे और पहले से तय रूट का पालन ना कर सीधा लाल किला और ITO की ओर कूच करना प्रारंभ कर दिया। पुलिस प्रशासन द्वारा समझाने बुझाने के बाद भी दिल्ली को बंधक बना कर हिंसा का दौर शुरू कर दिया।
My support and sympathies for d cops of @CPDelhi who showed immense restraint in the face of violent terrorist attack during #DelhiProtests . 18cops injured and 1 in critical condition bcoz they allowed these trrsts in garb of farmers to protest “peacefully”. #किसान_नहीं_गुंडे pic.twitter.com/ySPEonxkGj
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) January 26, 2021
गणतंत्र दिवस समारोह को शुरू हुए कुछ वक्त ही बीता था, कि किसानों के समूह ने उग्र प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान दिल्ली के DDU सड़क मार्ग पर प्रदर्शनकारी की ट्रैक्टर के साथ करतब करने के समय ट्रैक्टर पलटने की वजह से मौत हो गयी। आईटीओ चौक पर हजारो की तादाद में किसान ट्रैक्टर ने बैरिकेड्स को तोड़ा और आईटीओ, लाल किले पर उत्पात मचाया।
दिल्ली में प्रदर्शनकारियो द्वारा महिला पुलिस कर्मियों को भी निशाना बनाया और उनके साथ बदसलूकी की गयी। आईटीओ चौक पर प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों और पुलिस बल के मध्य जमकर संघर्ष हुआ है। हिंसक प्रदर्शनकारी ने हाथो में डंडे और लोहे की रॉड और कुछ ने फरसा भी उठा रखे थे।
कई स्थानों में प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों ने डंडो से पुलिसकर्मियों का पीछा कर उन पर हमला कर दिया और अपने ट्रैक्टरों पर मौजूद प्रदर्शनकारियो ने खड़ी बसों को टक्कर मारकर उन्हें स्थान से हटाने का प्रयास किया। इस दौरान हिंसक प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों से पुलिस एवं पत्रकारों को रौंदने के लिए अधिक तेजी से ट्रैक्टर दौड़ाए।
कुल मिलाकर आज का यह हिंसक प्रदर्शन पूरी तरह से गणतंत्र दिवस समारोह की गरिमा को कलंकित कर गया। केंद्र सरकार का अब यह दायित्व है,कि इस प्रकार से अराजकता फ़ैलाने वालो पर कठोर से कठोर कारवाही की जाए और टैक्टर परेड में निर्धारित नियमो की अवेहलना पर इन किसान संगठनों के नेताओ पर कड़ी से कड़ी कारवाही करे।