बिहार की पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से आतंकी गतिविधियों में शामिल में अब तक पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आतंकियों में एक झारखंड पुलिस का सेवानृवित दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा कुख्यात चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का सदस्य अतहर परवेज है। इसके अलावा पुलिस ने अरमान मालिक, मरगूब दानिश, और शब्बीर आलम को गिरफ्तार किया गया है। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इनके मंसूबे बेहद खतरनाक थे। संदिग्ध आतंकियों की फुलवारी शरीफ में दंगा फैलाने की योजना थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते बुधवार को पुलिस ने जिन दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से एक का नाम मोहम्मद जलालुद्दीन बताया जा रहा है, जिसके मकान अहमद पैलेस से आतंकी गतिविधियां संचालित की जाती थी। ये दोनो आतंकी मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण देने के नाम पर मुस्लिम युवकों का ब्रेनवॉश कर रहे थे, और उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे थे। इन आतंकियों का मकसद 2047 तक भारत को इस्लामिक मुल्क बनाना था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकियों ने 12 जुलाई 2022 को हुए पीएम नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के दौरान उनकी हत्या का षड्यंत्र रचा था। पीएम मोदी के पटना दौरे से 15 दिन पहले से ही आतंकियों को फुलवारी शरीफ में प्रशिक्षण दिया जा रहा था। आतंकियों ने पीएम मोदी को मारने की साजिश को लेकर बीते 6 और 7 जुलाई को बैठके की थी। हालाँकि, बिहार पुलिस का दावा है, कि पीएम मोदी को इन आतंकियों से प्रत्यक्ष खतरा नहीं था।
उल्लेखनीय है, कि बिहार पुलिस ने फुलवारी शरीफ कार्यालय में छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये है। इनमें से एक का शीर्षक था (2047 इंडिया टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया) इसके साथ ही इनके पास से पीएफआई के पर्चे भी बरामद किए गए है। एएसपी मनीष के मुताबिक, आतंकियों के पास से आठ पन्नों के दस्तावेज मिले है। जो दर्शाता है, कि इनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामी मुल्क बनाने का था।
Accused incl a retired police officer of Jharkhand, Mohd Jallauddin along with a former member of SIMI who is also current member of PFI&SDPI, Athar Parvez arrested. Parvez's younger brother went to jail in 2001-02 bomb blasts in state after SIMI was banned:Bihar SSP Manish Kumar pic.twitter.com/3y5vBlwJiI
— ANI (@ANI) July 13, 2022
पुलिस के अनुसार, आतंकियों से बरामद इन दस्तावेजों में इस बात का उल्लेख था, कि पीएफआई मानता है, कि 10 फीसदी मुस्लिम आबादी अगर उनके साथ आ जाए, तो वो कायर बहुसंख्यकों को दोबारा घुटने पर लाएँगे और उन्हें जबरन इस्लाम कबूल करवाएँगे। उन्होंने आगे बताया, “वे स्थानीय लोगों को तलवार और चाकू का इस्तेमाल करना सिखा रहे थे और उन्हें सांप्रदायिक हिंसा के लिए भी भड़का रहे थे। जांच से पता चला है, कि अन्य राज्यों के लोग भी पटना में उनके पास आ रहे थे। बाहर से आने वाले आगंतुक बिहार की राजधानी पटना के होटलों में रहने के दौरान अपना नाम और पहचान बदल लेते थे।