रुड़की में एक निर्माणाधीन ब्रिज नहर में समा गया। इस हादसे में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन पुल के गिरने के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अचानक हुये इस हादसे ने राज्य के ब्रिज निर्माण से जुड़े सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें, कि यह पुल मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत बनवाया जा रहा था।
यह लोहे का पुल क्षेत्रीय विधायक प्रदीप बत्रा के प्रस्ताव पर पीर बाबा कॉलोनी को रुड़की रेलवे स्टेशन से जोड़ने के लिए बनवाया जा रहा था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद लोहे के पुल के निर्माण का कार्य वर्ष 2025 फरवरी महीने तक पूरा होना था, लेकिन अचानक पुल के ढहने के बाद अब इसका निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाएगा। बहरहाल, पुल के ध्वस्त होने के बाद शासन ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।
वहीं इस हादसे के बारे में अधिकारियों का कहना है, कि पुल के गिरने का कारण लापरवाही नहीं बल्कि अचानक गंगा में छोड़े गए पानी का तेज बहाव है। हालांकि, गंगा में पानी छोड़ने से पहले सभी शहरों को इसका अलर्ट भेजा जाता है। अब इस पूरे मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने एक जाँच समिति का गठन कर दिया है।
Uttarakhand | On the collapse of the 80-meter-long foot bridge connecting the railway station in the Roorkee assembly area of Haridwar district, the Chief Engineer and Head of the Department, Public Works Department has constituted a three-member inquiry committee under the… pic.twitter.com/2QtrmNxPAp
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 1, 2024
मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग देहरादून को जाँच समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। तीन सदस्यीय समिति में गोपेश्वर और देहरादून के अन्य दो अधिकारियों को इस टीम का सदस्य बनाया गया है। यह समिति सात दिन के भीतर पुल के टूटने की रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है, कि 30 अक्टूबर की रात को नहर में पानी आने के साथ पुल पानी में जा गिरा। गनीमत रही, कि इस हादसे में किसी जान-माल की नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इस हादसे ने वर्ष 2012 में हुए पुल हादसे की स्मृति को ताजा कर दिया है। बता दें, कि रुड़की में वर्ष 2012 में भी इसी प्रकार निर्माणाधीन पुल पूरा होने से पहले ही गिर गया था। इस हादसे में चार मजदूर भी गंगा नदी में बह गए थे।
उल्लेखनीय है, कि रुड़की शहर के लिए यह पुल बेहद जरूरी था। कावड़ यात्रा के दौरान स्थानीय निवासियों और कांवड़ियों को सहूलियत देने के लिए यह पुल बनाया जा रहा था। हाल ही में गंग नहर में पानी बंद किया गया, तो पुल के निर्माण में तेजी आई थी, हालांकि अब यह ब्रिज नहर में समा गया है।।