राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत द्वारा कहा गया, कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है, और पंद्रह वर्ष के भीतर भारत एक बार फिर से अखंड भारत बनेगा। उन्होंने कहा, कि यह सब हम अपनी आंखों से देखेंगे। आरएसएस प्रमुख ने कहा, कि वैसे तो संतों की ज्योतिष गणना के अनुसार, आगामी 20 से 25 वर्षो में भारत फिर से अखंड भारत राष्ट्र होगा ही, किन्तु यदि हम सब मिलकर प्रयास करें, तो अगले दस से पंद्रह साल में अखंड भारत बन जाएगा।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, बीते बुधवार (13 अप्रैल 2022) आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कनखल के संन्यास रोड स्थित श्रीकृष्ण निवास एवं पूर्णानंद आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री 1008 स्वामी दिव्यानंद गिरि की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा और श्री गुरुत्रय मंदिर का लोकार्पण करने के लिए पहुंचे थे।
इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख ने कहा, कि भारत निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है, और इसके रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे। उन्होंने कहा, कि हम बात तो अहिंसा की ही करेंगे,लेकिन यह बात हाथों में डंडा लेकर कहेंगे। हमारे में मन और विचारो में कोई द्वेष, शत्रुतापूर्ण भाव नहीं है, लेकिन विश्व शक्ति के आगे नतमस्तक होता है, तो हम क्या करें।
आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा- सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है। 15 साल में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा।?
हम अहिंसा की ही बात करेंगे, पर हाथों में डंडा लेकर कहेंगे। हमारे में मन में कोई द्वेष, शत्रुता भाव नहीं है, लेकिन दुनिया शक्ति को ही मानती है तो हम क्या करें।???— Manasi7??????? (@Manasi71) April 14, 2022
आरएसएस प्रमुख ने उदाहरण देते हुए कहा, कि जिस प्रकार भगवान कृष्ण की तर्जनी अंगुली से गोवर्द्धन पर्वत उठ गया था, किन्तु वहां मौजूद गोपालों के मन में विचार आया, कि उनकी लकड़ियों के बल पर गोवर्द्धन पर्वत का भार टिका हुआ है। लेकिन जब भगवान श्रीकृष्ण ने अंगुली हटाई, तो पर्वत नीचे झुकने लगा। तब गोपालों को ज्ञात हुआ, कि पर्वत तो भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली के कारण रुका हुआ है।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, कि इस प्रकार लकड़ियां तो हम सब लगाएंगे, पर संतगणों के रूप में इस महान कार्य के लिए अंगुली लगेगी, तो निश्चिततौर स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद के सपनों का अखंड भारत बनाने में शीघ्र सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा, कि सनातन धर्म और भारत समान शब्द है। लेकिन जब राज्य बदलता है, तो राजा भी बदल जाता है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, कि जो तथाकथित लोग सनातन धर्म का विरोध करते है, उनका भी इसमें योगदान है। यदि वह विरोध ना करते, तो हिंदू जागता नहीं। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी गिरिधर, स्वामी विशोकानंद भारती, स्वामी विवेकानंद, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव रविंद्रपुरी, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।