प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पहले संसदीय सत्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने एक बार फिर से पूरे हिन्दू समाज को निशाना बनाया है। उन्होंने एक तरह से हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले सभी लोगों को हिंसक बता दिया। राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान सदन में मौजूद पीएम मोदी ने इसे गंभीर विषय बताया। उन्होंने कहा, कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है।
संसद में राहुल गाँधी ने कहा, “ये देश अहिंसा का देश है, डर का देश नहीं है। हमारे सारे महापुरुषों ने अहिंसा की बात की, डर मिटाने की बात की – डरो मत, डराओ मत। शिवजी भी यही कहते हैं, अभयमुद्रा दिखाते हैं। अहिंसा की बात करते हैं। त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। और जो लोग खुद को हिन्दू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत, असत्य-असत्य-असत्य करते हैं। आप हिन्दू हो ही नहीं। हिन्दू धर्म में साफ़ लिखा है – सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए, सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए, अहिंसा हमारा प्रतीक है।”
राहुल के इस बयान का भाजपा सांसदों ने कड़ा विरोध जताया, जिस पर राहुल गाँधी ने कहा, कि तीर इनके दिल में जाकर लगा है, ये इसी लिए चिल्ला रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा, कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय है। तो इस पर राहुल गाँधी ने कहा, “BJP को, आपको, RSS को, नरेंद्र मोदी पूरा हिन्दू समाज नहीं है, भाजपा-संघ पूरा हिन्दू समाज नहीं है। ये ठेका नहीं है BJP का।”
लोकसभा में राहुल गांधी ने हिन्दू समाज को कहा हिंसक, तो पीएम श्री @narendramodi ने तुरंत जताया विरोध।
‘पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है!’ pic.twitter.com/oEot30ysoy
— BJP (@BJP4India) July 1, 2024
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नेता प्रतिपक्ष के इस बयान पर कहा, कि लोग शिव को भगवान मानते हैं, ऐसे में यहाँ उन्हें इस तरह से चित्रित करना ठीक नहीं है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचाने के लिए कहा। वहीं केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने नियमों का हवाला देकर कहा, कि राहुल गाँधी लोकसभा अध्यक्ष की तरफ पीठ कर के खड़े हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।
सदन में हंगामे के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी राहुल गाँधी के बयान की निंदा करते हुए कहा, कि इस देश में करोड़ों लोग अपने-आप को गर्व से हिन्दू कहते हैं, क्या वो सभी हिंसक हैं? अमित शाह ने कहा, कि सदन में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना ठीक नहीं है और इसे लेकर माफी माँगनी चाहिए।
अमित शाह ने कहा, “हिंदू हिंसा करते हैं, झूठ बोलते हैं और नफरत फैलाते हैं…यह बोलकर राहुल गाँधी ने करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया है। इसके लिए उन्हें माफी माँगनी चाहिए।”
हिंदू हिंसा करते हैं, झूठ बोलते हैं और नफरत फैलाते हैं…यह बोलकर राहुल गाँधी ने करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया है। इसके लिए उन्हें माफी माँगनी चाहिए। pic.twitter.com/cWxfwtJsk3
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इस दौरान उन्होंने ‘अभय मुद्रा’ पर इस्लामी विद्वानों का मत लेने की सलाह दी, साथ ही कहा कि गुरु नानक की ‘अभय मुद्रा’ पर भी राहुल गाँधी SGPC का मत ले लें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अभय की बात करने का कोई अधिकार नहीं है, आपातकाल के दौरान इन्होंने लाखों लोगों को जेल में डाल कर पूरे देश को भयभीत किया। उन्होंने दिल्ली में 1984 सिख नरसंहार की याद भी दिलाई। राहुल गाँधी इस दौरान संसद में भगवान शिव की तस्वीर लहराने लगे।
राहुल गाँधी ने इस दौरान अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को खड़ा कराया और कहा, कि अयोध्या ने भाजपा को संदेश भेजा है। अमित शाह ने इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से कहा, कि उनके निर्देश के बावजूद भगवान की तस्वीर लहराई जा रही है, क्या कुछ लोगों पर नियम लागू नहीं होते? उन्होंने कहा. कि सदन ऐसे नहीं चल सकता। राहुल गाँधी इसके बाद कहने लगे, कि अयोध्या की जनता के दिल में नरेंद्र मोदी ने भय बिठा लिया – उनकी जमीन ले ली, उनके घर गिरा दिए, अयोध्या के गरीबों को मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में नहीं आने दिया।