राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की अनबन की खबरें एक बार फिर मीडिया में सुर्खिया बन रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की है। सूत्रों का दावा है, कि सचिन पायलट ने पिछले दिनों गांधी परिवार के साथ तीन अहम बैठकें की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को आगाह किया, कि राजस्थान में तत्काल मुख्यमंत्री बदला जाए, अन्यथा राजस्थान में पंजाब जैसी स्थिति हो जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना है, कि बैठक के दौरान सचिन पायलट ने पार्टी प्रमुख सोनिया गाँधी से स्वयं को मुख्यमंत्री बनाने की माँग भी की है। बता दें, पंजाब में अंतिम समय में कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन कांग्रेस का ये कदम नाकाम रहा था।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार, हाल ही में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने नई दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है, कि इस दौरान सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से स्पष्ट शब्दों में कह दिया है, कि यदि राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट करनी है, तो मुख्यमंत्री बदला जाए। एनडीटीवी के अनुसार, पायलट ने आगे कहा, कि पंजाब में अंतिम समय में सीएम को बदला गया, जिससे कांग्रेस को चुनावों में हार मिली।
Sachin Pilot's "Chief Minister Without Delay" Demand To Congress: Sources https://t.co/QSJwI17WvG pic.twitter.com/CsrUg9HdoG
— NDTV News feed (@ndtvfeed) April 28, 2022
उल्लेखनीय है, सीएम अशोक गहलोत ने 23 अप्रैल को जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बड़ा सियासी बयान देकर सबको चौंका दिया था। बता दें, कि सचिन पायलट से पहले सोनिया गांधी ने सीएम अशोक गहलोत को नई दिल्ली बुलाया था। इसके बाद सीएम गहलोत ने दिल्ली में सचिन पायलट के सोनिया गांधी से मिलने के दो दिन बाद बड़ा बयान दिया था। सीएम गहलोत ने कहा था, कि मेरा त्याग पत्र तो 1998 से परमानेंट सोनिया गांधी के पास रखा है। जब मुख्यमंत्री बदलना होगा, तो किसी को कानो-कान खबर तक नहीं होगी। यह काम रातो-रात हो जाएगा। इस पर कोई चर्चा और चिंतन नहीं होगा। सोनिया गाँधी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए अफवाहों पर ध्यान न दें।
गौरतलब है, कि सचिन पायलट पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राज्य में डिप्टी सीएम के पद पर थे, लेकिन 2020 में उनके बगावती तेवरों के चलते दोनों ही पद उनसे छीन लिए गए थे। वहीं सचिन पायलट के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनाने को लेकर शीर्ष नेतृत्व से लगातार मांग कर रहे है। अब स्पष्ट रूप से सचिन पायलट की तरफ से अपनी मांग रखने पर कांग्रेस नेतृत्व के सामने पार्टी में बगावत थामने की बड़ी चुनौती है। क्योंकि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत गुट भी काफी मजबूत है।
हालाँकि, सचिन पायलट के गुट ने साफ तौर पर कहा है, कि पायलट लड़ना बंद नहीं करेंगे, वह किसी भी ‘लॉलीपॉप’ के लिए अपना राजनीतिक स्थान नहीं छोड़ेंगे। बता दें, राजस्थान में दिसंबर 2023 में चुनाव होने है। इन हालातो में सचिन पायलट ने अपनी बात पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रख दी है। लगभग दो साल पहले जब सचिन पायलट ने सीएम के पद के लिए अपना दावा प्रस्तुत किया था, तो उन्हें सिर्फ 19 विधायकों का साथ ही मिला था। जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने विधायकों को लेकर रिसॉर्ट में रहना पड़ा था।