यदि आपका मोबाइल फोन चोरी अथवा गुम हो गया है, तो उसे ढूंढ़ निकालने में बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब मोबाइल फोन की छीना-झपटी पूरी तरह से समाप्त हो सकती है। मंगलवार (16 मई 2023) को केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल को लांच कर दिया है। दावा किया जा रहा है, कि अब नागरिको को मोबाइल फोन खोने के बाद पुलिस स्टेशन के चक्कर नहीं कटाने पड़ेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संचार साथी पोर्टल पर मोबाइल चोरी की जानकारी दी जा सकेगी और उसे ट्रैक भी किया जा सकेगा। इस पोर्टल के जरिये अब नागरिक अपनी गुम या चोरी हुई डिवाइस को ढूंढ़ सकेंगे। संचार साथी पोर्टल (Sanchar Saathi Portal) की विशेषता यह भी है, कि इसे हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ देश की सभी भाषाओं में उपयोग किया जा सकता है।
केंद्रीय संचार, रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल लांच के अवसर पर कहा, कि टेलीकॉम उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत हमने संचार साथी पोर्टल लांच किया है। इसमें टेलीकॉम यूजर्स की सुरक्षा के लिए तीन सुधार किए गए है, जो यूजर्स की डिजिटल पहचान की रक्षा करने में सहायता करेगा। ये सुधार वैश्विक स्तर पर भारत के टेलीकॉम सेक्टर को बेंचमार्क के रूप में स्थापित करेगा।
केंद्रीय संचार मंत्री @AshwiniVaishnaw ने आज नई दिल्ली में नागरिक केंद्रित पोर्टल- 'Sanchar Saathi' portal लॉन्च किया।@GoI_MeitY pic.twitter.com/yRKjvWymqL
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) May 16, 2023
केंद्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव ने जानकारी दी, कि पहला सुधार केंद्रीकृत उपकरण पहचान रजिस्टर (सीईआईआर) है, जो मोबाइल फोन के खो जाने या चोरी हो जाने पर उसे ब्लॉक करने, ट्रैक करने और उसका पता लगाने में सहायता करता है। अगर सिम कार्ड हटा दिया जाता है और एक नया सिम कार्ड डाला जाता है, तो भी फोन को ब्लॉक किया जा सकता है। सीईआईआर फोन डेटा और व्यक्तिगत सामान को सुरक्षित करने में मदद करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया, कि इसका दूसरा सुधार ‘नो योर मोबाइल’ है। इस पोर्टल के जरिये उपभोक्ता को यह जानने की सुविधा मिलेगी, कि उनके नाम पर कितने सिम कार्ड है और किस तरह के दस्तावेज संलग्न किए गए है। अब यूजर्स यह ज्ञात कर सकते है, और इसे बंद कर सकते हैं, क्योंकि फोन नंबर केवाईसी से जुड़े है। यह एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एल्गोरिध्म के साथ किए जाएगा।
संचार साथी पोर्टल की सहायता से नए या सेकेंड हैंड मोबाइल फोन की सत्यता की जांच भी की जा सकती है। अभी सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने के दौरान यह ज्ञात नहीं हो पाता है, कि वह मोबाइल चोरी का है या नहीं। इस पोर्टल के जरिये ग्राहकों को संचार संबंधी सभी उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराई जाएँगी ताकि वह अपडेट रह सके।