ओडिशा के बालासोर जिले में हाल के इतिहास के सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना में 280 के करीब रेल यात्रियों की मौत राष्ट्रीय शोक की घड़ी है। इस भयावह हादसे की तस्वीरें दिल को दहलाने देने वाली है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है, कि पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन का सिग्नल दिया गया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया था। इससे ट्रेन लूप में चली गई और वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई। मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए है।
बालासोर के बाहानागा स्टेशन के पास दुर्घटनास्थल पर बीते शनिवार को भी युद्धस्तर पर राहत और बचाव का कार्य चलता रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुःख की इस घड़ी में यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता समय पर नहीं पहुँचते, तो मौत का यह आँकड़ा कहीं अधिक हो सकता था। बताया जा रहा है, कि एनडीआरएफ की टीम के पहुँचने से पहले ही संघ कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुँचकर राहत व बचाव कार्य में जुट गए थे।
The RSS and ABVP volunteers stepped into the relief and rescue operation at the Balasore Train accident site. Volunteers are also donating blood for those in need.
We express our deepest condolences to the families of the deceased and pray for the speedy recovery of the… pic.twitter.com/Sdky4T4IUJ
— Friends of RSS (@friendsofrss) June 3, 2023
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, बालासोर में हुए ट्रेन हादसे का शिकार लोगों की सहायता के लिए आरएसएस के कार्यकर्ता तन, मन, धन से जुटे हुए है। इस भीषण दुर्घटना की जानकारी प्राप्त होते ही करीब 250 कार्यकर्ता मौके पर पहुँच गए थे। मौके पर पहुंचकर आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने घायलों को इलाज के लिए तत्काल अस्पताल पहुँचाना शुरू कर दिया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आरएसएस कार्यकर्ताओं के राहत और बचाव कार्य शुरू करने के कुछ समय बाद ही एनडीआरएफ की टीम भी दुर्घटनास्थल पर पहुँच गई। इसके बाद संघ कार्यकर्ता उनके साथ मिलकर लोगों को बचाने के अभियान में जुट गए। एक ओर जहाँ आरएसएस के कुछ कार्यकर्ता ट्रेन हादसे के शिकार लोगों की मदद कर रहे थे। वहीं, कुछ अन्य कार्यकर्ता घायलों को खून देने के लिए अस्पताल पहुँच गए।
रक्तदान करने आए युवाओं की भीड़ देखकर हॉस्पिटल के डॉक्टर भी अचंभित थे। दरअसल, बालासोर के संघ कार्यकर्ताओ के व्हाट्सएप ग्रुप में हादसे की सूचना के साथ ही रक्तदान करने की अपील की गई थी। इसके बाद कार्यकर्ता बड़ी संख्या में अस्पताल पहुँच गए। ओडिशा के आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख रविनारायन पंडा ने कहा है, कि हादसा बालासोर के बाहानागा गाँव के पास हुआ।
उन्होंने बताया, कि बाहानागा में संघ के कई कार्यकर्ता रहते है। इसके अलावा जिले में भी संघ कार्यकर्ता सक्रिय हैं। हादसा शुक्रवार 6:50 पर हुआ था। इसके बाद व्हाट्सएप मैसेज से जानकारी मिलने के बाद संघ कार्यकर्ता 7 बजे तक हादसे वाली जगह पहुँच गए थे। इसके बाद उन लोगों ने ट्रेन के दरवाजे खोलकर घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। साथ ही स्थानीय लोगों की सहायता से ट्रैक्टर, बाइक और कार के जरिये से घायलों को अस्पताल पहुँचाया।
आरएसएस के स्थानीय कार्यकर्ता हरेंद्र के अनुसार, एक हजार से अधिक आरएसएस कार्यकर्ता हादसे के शिकार लोगों की सहायता करने के लिए आगे आए है। जिन लोगों ने रात में रक्त दान किया था, वे सुबह से घायलों और उनके परिजनों के भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे थे। इसके अलावा, घायलों को उनके परिजनों से मिलवाने में राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता हर संभव सहयोग कर रहे हैं।