देश में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन धीरे धीरे पैर पसार है। ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि सबसे पहले साउथ अफ्रीका में हुई थी। इसके बाद इस नए वैरिएंट की दहशत पूरे दुनिया में फैल गई। स्थिति इतनी अधिक विकट हो गयी है, कि अधिकतर देशों को संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नई-नई पाबंदिया की घोषणा करनी पड़ रही है।
इन हालातो में दक्षिण अफ्रीका से एक राहत भरी खबर आ रही है, कि साउथ अफ्रीका ने मात्र पचास दिनों में ओमिक्रोन पर नियंत्रण कर लिया है। बीते गुरुवार को दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने अपने एक बयान में कहा है, कि उसने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की लहर पर काबू कर लिया है। इस अवधि के दौरान मृत्यु की संख्या में भी कोई बड़ा उछाल दर्ज नहीं किया गया।
ओमिक्रोन पर काबू के बाद दक्षिण अफ्रीका ने नाइट कर्फ्यू को भी तत्काल प्रभाव से हटा लिया है, और जल्द ही अन्य प्रकार की पाबंदियों को भी हटाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए है। इन परिस्थितयों में दक्षिण अफ्रीका विश्वभर के अन्य देशों के लिए आशा की किरण की तरह दिखाई दे रहा है।
Breaking News: South Africa said health data suggested its Omicron peak had passed with no major spike in deaths, offering cautious hope to other countries. https://t.co/rCto7nPHg8
— The New York Times (@nytimes) December 30, 2021
ओमिक्रोन की दस्तक की आहट पर ही दक्षिण अफ्रीका ने प्रतिबंध लगाते हुए, देर रात से सुबह चार बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया था। इसके अलावा सार्वजनिक सभाओं पर बैन लगाने के साथ ही शराब की दुकानों को भी रात 11 बजे के बाद खोलने पर रोक लगा दी गई थी। सबसे महत्वपूर्ण दक्षिण अफ्रीका ने वैक्सीनेशन अभियान पर अधिक जोर दिया, जिससे नागरिको की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके और संक्रमण पर काबू पाया जा सके।
उल्लेखनीय है, कि नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में साउथ अफ्रीका और बोत्सवाना में कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का पहला मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद पूरे देश में संक्रमण ने बहुत तेजी से प्रसार किया। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार, साउथ अफ्रीका में दिसंबर माह के मध्य तक एक दिन में औसतन 23 हजार से अधिक मामलों ने संक्रमण को चरम स्थिति तक पहुंचा दिया।
दक्षिण अफ्रीका में दिसम्बर माह के तीसरे हफ्ते में कोरोना संक्रमण के 95 फीसदी जांच रिपोर्ट में नए वैरिएंट ओमिक्रोन की पुष्टि हो रही थी। दक्षिण अफ्रीकी चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने अपने एक वक्तव्य में कहा, कि ओमिक्रोन के मामले हैरान कर देने वाले है। इसकी वजह यह है, कि संक्रमण शुरुआती चार सप्ताह में चरम स्थिति पर रहा और फिर अंतिम के दो सप्ताह में इसमें अचानक से गिरावट दर्ज की जा रही है।