किसान आंदोलन के नाम पर अराजकता का नंगा नाच और राष्ट्रीय राजधानी को बंधक बनाकर मोदी सरकार को ब्लेकमैल करने वाले राकेश टिकैत कुछ दिनों पहले मथुरा के वृंदावन स्थित परम पूजनीय श्री प्रेमानंद महाराज जी के आश्रम पहुँचे। इस दौरान प्रेमानंद महाराज जी द्वारा टिकैत को दर्पण दिखाते हुए कहा, कि किसानों के लिए आवाज उठाने की प्रक्रिया में स्वार्थ की गंध नहीं आनी चाहिए।
‘श्री हित राधा केली कुञ्ज’ आश्रम के दिव्य संत श्री प्रेमानंद महाराज जी ने राकेश टिकैत से कहा, “हमारे जो भारतीय किसान हैं वो बड़े भोले-भाले है। हमलोग किसान के घर में पैदा हुए है, तो जानते हैं, फसल नष्ट हो गई तो समझो किसान नष्ट हो गया। कितनी मेहनत करके वो अपनी फसल तैयार करता है और प्राकृतिक व नाना प्रकार की आपदाओं के कारण वो नष्ट हो जाती है। किसानों के पक्ष में खड़े होकर किसानों को अनुकूलता दिलाना और सुविधा दिलाना बहुत उत्तम कार्य है।”
उन्होंने कहा, कि किसानों के लिए आवाज उठाने की प्रक्रिया में स्वार्थ की गंध नहीं आनी चाहिए। श्री प्रेमानंद महाराज जी ने कहा, कि स्वार्थ में कपट होती है, हम बात अपनी प्रियता की कर रहे हैं लेकिन उसमें मेरी स्वार्थ की पूर्ति है। उन्होंने कहा, कि ऐसी स्थिति में ये परमार्थ नहीं रहेगा, दूसरों के हित के लिए हम अपने प्राणों की बाजी भी लगा देते है, तो इस लोक में और परलोक में भी मंगल होगा।
प्रेमानंद महाराज के पास पहुंचे राकेश टिकैत!
फिर देखिए राकेश टिकैत को प्रेमानंद जी ने कैसे समझाया ! pic.twitter.com/lyG9PCXDUe
— Panchjanya (@epanchjanya) July 23, 2024
परम पूजनीय श्री प्रेमानंद महाराज जी ने गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस की चौपाई ‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई’ का उल्लेख करते हुए कहा, कि वो चाहेंगे, कि परमार्थ की भावना से युक्त होकर किसानों की उन्नति हो, उनकी समस्याओं में सब साथ खड़े होकर उनकी सहायता करें।
उन्होंने कहा, कि कई किसान असमर्थता के कारण आत्महत्या कर देते हैं, क्योंकि उनकी पहुँच नहीं होती और वो अपनी बात सरकार तक नहीं पहुँचा सकते। उन्होंने कहा, कि कोई धनवान है फिर भी वो रुपया या सोना-चाँदी नहीं, वो खाएगा तो अन्न ही, इसीलिए किसानों की उन्नति आवश्यक है। बता दें, कि राकेश टिकैत उन किसान नेताओं में शामिल हैं, जिनकी अगुवाई में दिल्ली की सीमाओं को एक साल तक बंधक बनाये रखा गया था।