वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुना दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई सर्वे को हरी झंडी दे दी है। अब इस फैसले के बाद भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण टीम के द्वारा ज्ञानवापी परिसर में सर्वे जारी रहेगा। कोर्ट ने कहा है, कि सर्वे को जारी रहने दिया जाए, क्योंकि इस सर्वे से कोई ऐसा नुकसान मुस्लिम पक्ष को नहीं होने जा रहा है जिसकी भरपाई न हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, कि हम इस रिपोर्ट को सीलबंद कवर में रखने का निर्देश दे देंगे। वहीं कोर्ट के समक्ष ASI ने कहा है, कि इमारत को बिना नुकसान पहुंचाए इस सर्वे को अंजाम दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई के दौरान ने कहा, कि एएसआई ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है, कि इमारत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। इमारत में किसी प्रकार की खुदाई नहीं होगी। कोर्ट ने कहा, कि खुदाई न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने कहा, कि सर्वे से किसी के अधिकार का हनन नहीं हो रहा है।
Supreme Court declines to stay the scientific survey by the Archaeological Survey of India (ASI) of the Gyanvapi mosque premises.
Supreme Court says that ASI has clarified that the entire survey would be completed without any excavation and without causing any damage to the… pic.twitter.com/Q2lF2uOkRD
— ANI (@ANI) August 4, 2023
गौरतलब है, कि यूं तो इस मामले में कई तकनीके है, जो बिना जमीन की खुदाई किए, अंदर का सच बताने में सक्षम है, लेकिन सबसे सटीक परिणाम देने वाले उपकरण का नाम ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार बताया जा रहा है। ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक का इस्तेमाल एएसआई और सेना रेगुलर करती रहती है। ज्ञानवापी में भी एएसआई इसी तकनीक का उपयोग करने वाली है, जो पूरा सच सामने लाकर रख देगी।
वहीं ASI ने वाराणसी के जिला जज से सर्वे की रिपोर्ट जमा करने के लिए कुछ और अतिरिक्त समय की माँग की है। जिला कोर्ट ने 4 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। हालाँकि, सर्वे का काम पूरा नहीं होने के कारण रिपोर्ट को पेश नहीं किया जा सका। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दायर प्रार्थना पत्र में कहा गया है, कि हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित होने और रोक लगाए जाने के कारण सर्वे का काम समय पर पूरा नहीं हो सका है।