शाहीन बाग से अवैध अतिक्रमण हटाये जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया, कि इस मामले में पीड़ितों के स्थान पर सियासी दलों ने अदालत का दरवाजा क्यों खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि हमने देश में अतिक्रमण के खिलाफ चल रही प्रत्येक कार्रवाई को नहीं रोका है। अगर रिहायशी मकानों को तोड़ा जाएगा तो हम दखल देंगे, लेकिन यहां मामला सड़क से अतिक्रमण हटाने का है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPIM) की याचिका को खारिज करते हुए कहा, कि शीर्ष अदालत किसी की भी या प्रत्येक याचिका का उत्तर नहीं दे सकती है, खास तौर से जो एक सियासी दल द्वारा दायर की गई है। बता दे, सीपीआईएम की ओर से पेश वकील सुरेंद्र नाथ ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका पर सुनवाई करने और अतिक्रमण अभियान के खिलाफ दो दिन तक रोक लगाने की अपील की थी।
Justice Rao : We have not given license to anybody to come here to say my house cannot be demolished even if it is unauthorized. You cannot take shelter of that order. We cannot interfere…that too at the instance of political parties.#ShaheenBagh
— Live Law (@LiveLawIndia) May 9, 2022
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ने यह देखने के बाद, कि कोई भी प्रभावित पक्ष याचिका का हिस्सा नहीं है, याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई। न्यायमूर्ति जे राव ने कहा, हम लोगों को हर बार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की मंजूरी नहीं दे सकते, वह भी किसी सियासी पार्टी के इशारे पर। हालाँकि याचिकाकर्त्ता हाई कोर्ट में इस मामले को जरूर उठा सकता है, आपको सुप्रीम कोर्ट नहीं, हाई कोर्ट जाना चाहिए था। आप क्या चुनते हैं, या तो आप याचिका वापस ले लें अथवा हम इसे खारिज कर देंगे।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा, कि कुछ सियासी दल और समूह अवैध अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण अभियान को एक समुदाय विशेष के खिलाफ जोड़कर दिखाने का प्रयास कर रहे है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, कि उनके पास उन व्यक्तियों की सूची है, जिनके अवैध ढाँचे को ध्वस्त किया गया है। अंत में, सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए सीपीआईएम को फटकार लगाई, कि सीधे सुप्रीम कोर्ट आना कुछ ज़्यादा ही हो रहा है।
Justice Rao : It appears there is something in what the Solicitor is sayingthat HC has passed orders..
SG : That is why they are not going to the High Court. And that is why individuals are not approaching .#shaheenbagh
— Live Law (@LiveLawIndia) May 9, 2022
वही दिल्ली में MCD की ओर से चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान का समर्थन करते हुए दिल्ली भाजपा के नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, कि शाहीन बाग हो या जहाँगीर पुरी या सीमापुरी ये सब अवैध धंधों, अवैध निर्माणों और अवैध घुसपैठियों के अड्डे है, यहां बुलडोजर, पुलिस, कानून की एंट्री बैन है। ये छोटे छोटे मिनी पाकिस्तान जैसे हैं,जहां भारत का संविधान लागू करवाना भी असंभव बनता जा रहा है
शाहीन बाग हो या जहाँगीर पुरी या सीमापुरी ये सब अवैध धंधों, अवैध निर्माणों और अवैध घुसपैठियों के अड्डे हैं
यहां बुलडोजर, पुलिस, कानून की एंट्री बैन है
ये छोटे छोटे मिनी पाकिस्तान जैसे हैं जहां भारत का संविधान लागू करवाना भी असंभव बनता जा रहा है#shaheenbagh#Bulldozer
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 9, 2022
उल्लेखनीय है, कि दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सोमवार को बुलडोजर एक्शन होने वाला था। दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाओ अभियान सोमवार सुबह 11 बजे शुरू भी कर दिया था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते कार्रवाई संभव नहीं हो सकी है। हालाँकि इससे पहले अवैध अतिक्रमण पर निगम का बुलडोजर गरजता उससे पहले अतिक्रमणकारियों ने खुद ही उसे हटाना शुरू कर दिया। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है, कि इस कार्रवाई के पीछे वोटो की सियासत हो रही है। वहीं आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने शाहीन बाग में पहुंचकर मीडिया से कहा, कि हम लोग खुद यहां से अतिक्रमण हटा रहे है। जहां भी अतिक्रमण होगा, हम खुद हटाएंगे।