जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सोमवार (11 दिसंबर 2023) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पांच जजों की संविधान पीठ की अध्यक्षता करने वाले मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, कि पांच जजों की बेंच ने तीन अलग-अलग फैसले लिए हैं, लेकिन उनका निष्कर्ष एक ही है। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। ऐसे में नियम है, कि केंद्र राष्ट्रपति शासन के तहत राज्य सरकार की शक्ति का प्रयोग कर सकता है और संसद/राष्ट्रपति उद्घोषणा के तहत राज्य की विधायी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, कि धारा 370 सिर्फ शुरुआती व्यवस्था थी, जो युद्ध स्थिति में शुरू की गई थी। लिखित सामग्री भी बताती है, कि ये अस्थायी व्यवस्था थी। ऐसे में इसे हटाना गलत नहीं।
Article 370: CJI D Y Chandrachud says there are three judgements by the five-judge bench on the issue
— Press Trust of India (@PTI_News) December 11, 2023
बता दें, इस मामले पर सुनवाई 2019 से चल रही थी, लेकिन 2020 में इस मामले पर कोई फैसला नहीं आया। 3 जुलाई 2023 को फिर नई संविधान पीठ का गठन करके इस पर सुनवाई फिर से शुरू हुई। इस बार पांच जजों की बेंच की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने की। पीठ में जस्टिस एसके कौल, जस्टिस बीआर गवई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजीव खन्ना भी रहे। 2 अगस्त 2023 से 5 सितंबर 2023 तक चली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया और आज सोमवार को इसे सार्वजनिक किया गया है।
गौरतलब है, कि धारा 370 भारतीय संविधान का एक विशेष अनुच्छेद था, जो जम्मू-कश्मीर को भारत में अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष अधिकार प्रदान करता था। इसे भारतीय संविधान में अस्थायी और विशेष उपबन्ध के रूप में भाग 21 में शामिल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण चार साल बाद यह अनुच्छेद फिर चर्चा फिर में आ गया था। इससे पहले कोर्ट में अनुच्छेद-370 हटाने को चुनौती दी गई थी। इससे जुड़ी 20 से ज्यादा याचिकाएं कोर्ट में थी।