सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों के जाँच के लिए SIT के गठन की माँग की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बुधवार (3 जनवरी, 2023) को अहम टिप्पणियाँ की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, कि इस मामले में SIT के गठन की जरूरत नहीं है। SEBI की जाँच इस मामलें में पर्याप्त है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि हमारे सामने रखी गई याचिकाएँ इस बात के लिए पर्याप्त नहीं है कि इस मामले की जाँच SEBI से वापस ले ली जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, कि सॉलिसिटर जनरल ने इस मामले में भरोसा दिया है, कि SEBI तीन महीनों में जाँच पूरी कर लेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, कि SEBI ने इस संबंध में 22 में से 20 मामलों की जाँच कर ली है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले का निर्णय सुना रहे देश के मुख्य न्यायधीश डीवाई चन्द्रचूड़ ने कहा, कि एक संस्था OCCRP की अडानी समूह के विषय में लाई गई रिपोर्ट को हम मान्यता नहीं दे सकते और ना ही इसके कारण SEBI की जाँच पर शक किया जा सकता है।
#SupremeCourt to pronounce judgment today at 10.30 AM on a batch of petitions seeking SIT probe into the #Hindenburg allegations against the #Adani group of companies.
A bench led by CJI DY Chandrachud will pronounce the verdict.
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— Live Law (@LiveLawIndia) January 3, 2024
सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में SIT ना बनाने और विदेशी रिपोर्ट पर विश्वास ना जताने की बात कहने पर अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी ने खुशी जताते हुए कहा, कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय यह दिखाता है, कि सत्य की जीत होती है। अदाणी ने आगे कहा, कि उनका समूह भारत के विकास में योगदान देना जारी रखेगा।
The Hon'ble Supreme Court's judgement shows that:
Truth has prevailed.
Satyameva Jayate.I am grateful to those who stood by us.
Our humble contribution to India's growth story will continue.
Jai Hind.
— Gautam Adani (@gautam_adani) January 3, 2024
उल्लेखनीय है, कि 24 जनवरी, 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने भारतीय कारोबारी अडानी समूह पर कई आरोप लगाए थे और इसे इतिहास की सबसे बड़ी धोखेबाजी करार दिया था। इसके बाद अडानी समूह के वैल्युएशन में बेहद कमी दर्ज की गई थी। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को जाँच करने का आदेश दिया था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक 5 सदस्यीय पैनल का गठन भी किया था, जो SEBI के विनियामक दायरे को लेकर सुझाव प्रस्तुत करती और साथ ही इस पर भी नजर रखती है, कि SEBI कहीं इस मामले की जाँच में नाकाम रहा है क्या ? इस कमेटी ने कहा था, कि SEBI ने उचित तरीके से जाँच की है। इस पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, कि पहली नजर में गड़बड़ी के कोई संकेत नहीं हैं।