देश की सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी परीक्षा में हुई धांधली को लेकर बड़ा आदेश जारी करते हुए कहा, कि छात्रों के प्राप्तांक वेबसाइट पर अपलोड किए जाएं। इसके साथ ही कोर्ट ने एनटीए को निर्देशित किया है, कि अंकों को अपलोड करते समय अभ्यर्थियों की पहचान गोपनीय रखी जाए। अब नीट परीक्षा में पेपर लीक और गड़बडी का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर 22 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) की एक्स पोस्ट के अनुसार, CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डिवीजन बेंच ने इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को शनिवार दोपहर 12 बजे तक परीक्षार्थियों के अंक आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं।
Supreme Court directs NTA to publish on its website the marks obtained by the students in the NEET-UG examination and the identity of students be masked. The result should be declared separately city and centre- wise, says SC.
— ANI (@ANI) July 18, 2024
शीर्ष अदालत में सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुडा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘हमने सुप्रीम कोर्ट में वह सारी बातें उठाईं, जो संकेत देती हैं, कि पेपर लीक हुआ है। पेपर सिर्फ हजारीबाग और पटना में ही नहीं, बल्कि अन्य स्थानों पर भी लीक हुआ है।’ उन्होंने कहा, बिहार पुलिस और भारत सरकार को बिहार पुलिस की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया गया है और एनटीए को सभी उम्मीदवारों के परिणाम अपनी वेबसाइट पर घोषित करने का निर्देश दिया गया है।’
वहीं इससे पहले गुरुवार को मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अभ्यर्थियों के वकील से कहा, कि वे परीक्षा में व्यापक अनियमितताओं के अपने दावे को साबित करें, जिसमें प्रश्न पत्र लीक से लेकर परीक्षा रद्द करना और दोबारा परीक्षा आयोजित कराना शामिल है। कोर्ट ने कहा, कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है, कि प्रश्नपत्र लीक का मामला पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था और यह नहीं कहा जा सकता कि गुजरात के गोधरा में ऐसा कुछ हुआ था।
बता दें, कि NEET-UG 2024 की परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी। परीक्षा में धांधली और पेपर लीक के आरोप लगने के बाद देश के अलग-अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। नीट-यूजी परीक्षा में बहुत ज्यादा नंबर दिए जाने के आरोप लगे हैं। इस वजह से इस वर्ष रिकॉर्ड स्तर पर 67 छात्रों ने अधिकतम अंको के साथ टॉप रैंक हासिल की थी।
गौरतलब है, कि पिछले साल टॉप रैंक पर मात्र दो अभ्यर्थी शामिल थे। ऐसे में परीक्षार्थियों का आरोप है, कि कई छात्रों के अंक एक सुनियोजित योजना के तहत घटाए और बढ़ाए गए है। वहीं दूसरी ओर छह परीक्षा केंद्रों में परीक्षा कराने में देरी हुई। समय की बर्बादी की भरपाई के लिए ऐसे केंद्रों में कम से कम 1500 छात्रों को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए, जो जांच के दायरे में हैं।