देशभर में सुर्खियों में छाए रहे नोएडा के निठारी हत्याकांड के मुख्य दोषी सुरेंद्र कोली को सीबीआई की कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है, जबकि दूसरे अभियुक्त मोनिंदर सिंह पंढेर को सात साल कैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही न्यायालय ने सुरेंद्र कोली पर 40 हजार रुपए और मोनिंदर पंढेर पर 4 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दोनों दोषी पहले से ही डासना जेल में बंद है। बता दें, कि सुरेंद्र कोली को पहले 13 मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है, और आज गुरुवार को भी कोली को सीबीआई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।
Nithari murder case | Special CBI Court has sentenced life imprisonment to Surender Koli under IPC 364 & death sentence under IPC 302. Maninder Singh Pandher has been sentenced to 7 years imprisonment under section 5 of the Immoral Traffic (Prevention) Act: Advocate Devraj Singh pic.twitter.com/hPPBKrYg7K
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 19, 2022
उल्लेखनीय है, कि इससे पहले सुरेंद्र कोली को 13 मामलों में मौत की सजा और तीन मामलों में सबूतों की कमी होने के कारण बरी कर दिया गया था। सुरेंद्र कोली को एक मामले में राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज कर दी गई थी, लेकिन फाँसी में देरी होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने उसे स्थगित कर दिया था। बता दें, कि सीबीआई कोर्ट से फाँसी की सजा मिलने के बाद से अधिकतर मामले हाई कोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
जानकारी के लिए बता दें, कि 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे, जिसके बाद पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में पूरे मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई कोर्ट में अभियोजन पक्ष के सीबीआई के लोक अभियोजक दर्शन लाल ने अदालत को बताया था, कि काम की तलाश में गई लड़की के साथ सुरेंद्र कोली ने दुष्कर्म किया, और इसके बाद गले में उसी की चुन्नी बांध कर उसकी हत्या कर दी।
सुरेंद्र कोली ने हत्या करने के बाद उसके शव को बाथरूम में ले जाकर शरीर से सर को काटकर अलग कर दिया। इसके बाद क्रूरतापूर्वक शरीर के कई टुकड़े कर अलग-अलग पॉलिथीन में बांधकर रख दिया। इसके बाद बची हुई हड्डियों को कोठी के पीछे नाले में फेंक दिया था। किसी शख्स द्वारा इस प्रकार निर्मम हत्या के बहुत कम क्रूरता के उदाहरण दर्ज है।