काशी के ज्ञानवापी परिसर में एएएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्णय देते हुए सर्वे को जारी रखने का आदेश सुनाया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा फैसला सुनाये जाने के अब ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर रास्ता साफ हो गया है। इस बहुप्रतीक्षित फैसले का इंतजार हिंदू और मुस्लिम, दोनों पक्षों के लोगो द्वारा किया जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे की मंजूरी देने के हाईकोर्ट के निर्णय पर हिंदू पक्ष से जुड़े लोग उत्साहित है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ”स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव काल खंड में जब गुलामी के प्रतीक चिह्न मिट रहे है, तो काशी में ज्ञानवापी के माथे पर लगे गुलामी के चिह्न को एएसआई का सर्वे मिटाने में सक्षम होगा।”
न्यायालय में हिंदू पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने हमारे दावे को स्वीकार कर लिया है। हमारा कहना था, कि बिना नुकसान पहुंचाए सर्वे किया जाएगा। ASI ने भी कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत किया है। कोर्ट ने कहा, कि ASI के हलफनामे को स्वीकार ना करने की कोई वजह नहीं है। इसमें जिन टर्म्स का उल्लेख है, उन्हीं के हिसाब से सर्वे किया जाए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है ,कि सर्वे होना चाहिए और जो भी हो सच या झूठ कोर्ट के सामने आना चाहिए।
#WATCH | Allahabad HC has said that ASI survey of Gyanvapi mosque complex to start. Sessions court order upheld by HC: Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side in Gyanvapi survey case pic.twitter.com/mnQJrTzS09
— ANI (@ANI) August 3, 2023
बता दें, कुछ दिनों पहले जिला जज एके विश्वेश द्वारा शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था। ASI को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपनी थी। इसी आदेश के बाद ASI की टीम सोमवार को ज्ञानवापी का सर्वे करने पहुंची थी। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट की तरफ रुख किया था। गुरुवार को सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए सत्र अदालत के आदेश को बरकरार रखा है।