
सीरिया में फिर भड़की हिंसा, (फोटो साभार: NDTV/ DNA)
सीरिया में पिछले दो दिनों से हालात तेजी से बिगड़ रहे है। सुरक्षा बलों और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थकों के बीच जारी खूनी हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। युद्ध निगरानी समूह ने शनिवार को जानकारी दी है, कि इस संघर्ष में लगभग 750 आम लोग शामिल हैं, जो इस हिंसा की चपेट में आ गए।
ब्रिटेन के मानवाधिकार संगठन ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने शनिवार 9 मार्च को एक आँकड़ा जारी कर बताया, कि इस खूनी हिंसा में 125 सरकारी सुरक्षा बलों के सदस्य और अपदस्थ राष्ट्रपति असद से जुड़े हथियारबंद समूहों के 148 आतंकवादी मारे गए है। संगठन के अनुसार, कि ये खूनी संघर्ष बीते 14 साल से चले आ रहे सीरिया के गृहयुद्ध की सबसे खौफनाक घटनाओं में से एक है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार (6 मार्च 2025) से शुरू हुई ये हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इस हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। इन वीडियो में अंतरिम सरकार की सेना और लड़ाकों की बीच लड़ाई की वीभत्स तस्वीरें दिखती है। वही स्थानीय लोग इस हिंसा से बेहद डरे हुए है।
बताया जा रहा है, कि ये सब उस वक्त शुरू हुआ जब गुरुवार को तटीय शहर जबलेह के पास सुरक्षा बल एक फरार अपराधी को पकड़ने के लिए पहुँचे, लेकिन इस दौरान उन पर कथित तौर पर असद के समर्थकों ने हमला कर दिया। इसके बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। सीरियाई सरकार का कहना है, कि वो असद के बचे हुए लड़ाकों के हमलों का जवाब दे रही है, लेकिन शुक्रवार से ये झड़पें बदले की कार्रवाई में बदल गईं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसक संघर्ष में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक बनियास के स्थानीय निवासियों का कहना है, कि बनियास के एक मोहल्ले में जहां अलावी रहते थे, वहां 20 लोगों की हत्याएं की गईं, उनमें से कुछ को दुकानों में या उनके घरों में मारा गया। वहीं हिंसा के कारण लातकिया शहर के आसपास के बड़े इलाकों में बिजली और पीने का पानी की सप्लाई काट दी गई है। बता दें, कि तीन महीने पहले सीरिया के विद्रोहियों ने असद को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था।