जहाँगीरपुरी दंगे के मास्टरमाइंड तबरेज़ अंसारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। हैरानी की बात ये है, कि ये वही तबरेज है, जो तिरंगा यात्रा में सबसे आगे-आगे चल रहा था और दिल्ली पुलिस के साथ हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की बातें करने का ढोंग कर रहा था। बीते शनिवार (7 मई, 2022) को क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिसमें तबरेज अंसारी भी शामिल है। उधर दिल्ली की एक अदालत ने जहाँगीरपुरी दंगो के मामले में 8 आरोपितों को जमानत देने से इंकार कर दिया है।
तबरेज अंसारी का असली चेहरा बेनकाब होने पर दिल्ली पुलिस को भी मामले में किरकिरी झेलनी पड़ रही है। बता दें, दिल्ली पुलिस की डीसीपी उषा रंगरानी जब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थी, उस वक्त तबरेज अंसारी ठीक बगल वाली कुर्सी पर बैठा नजर आ रहा है। जहाँगीरपुरी दंगे के मास्टरमाइंड तबरेज शांति वार्ता के मंचों से लेकर सड़क तक दिल्ली पुलिस के साथ दिखता था। दंगे के बाद से ही तबरेज अंसारी दिल्ली पुलिस के साथ घूम-घूम कर लोगों से शांति की अपील का ढोंग करने में लगा हुआ था।
Three arrested in connection with the Jahangirpuri communal violence. This man, identified as Tabrez (40) in orange kurta is one of them, he was sitting along with DCP Usha Rangrani after the violence, he is also a member of Aman Committee – Delhi police.. pic.twitter.com/Tzn2ovVYCJ
— Mahender Singh Manral (@mahendermanral) May 8, 2022
जहाँगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा पर हुई पत्थरबाजी में तबरेज अंसारी पूरी तरह से सक्रिय था, और दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे वो अपने खौफनाक इरादों को अंजाम देता रहा। खुलासे के बाद जब दिल्ली पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार करके थाने ले जा रही थी, उस वक्त भी तबरेज अंसारी अपने परिजनों और भीड़ को उकसाने में लगा हुआ था। बताया जा रहा है, कि दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में भी उसका नाम सामने आया था।
नगर निगम के चुनाव के लिए ताल ठोकने की तैयारी कर रहा 30 वर्षीय तबरेज अंसारी दिल्ली पुलिस से इलाके से फोर्स हटाने की भी माँग कर रहा था। पुलिस ने तबरेज के साथ उसके दो अन्य सहयोगियों अनाबुल और जलील को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज व गिरफ्तार अन्य आरोपियों के बयान के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया, कि अनाबुल व तबरेज ने हिंसा में सक्रिय रूप से भाग लिया था। दंगो के बाद आरोपियों ने अपने मोबाइल बंद कर दिए थे और अपना मोबाइल नंबर भी बदल लिया था।