राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने शनिवार (9 दिसंबर 2023) को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएस पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए कई संदिग्ध आतंकवादियों को हिरासत में लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकी संगठन ISIS की साजिश के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने देशभर के 41 स्थानों पर एकसाथ बड़ी छापेमारी के दौरान अभी तक 15 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने छापेमारी के दौरान आतंकियों के अंतरराष्ट्रीय संपर्क और विदेशी-आधारित आईएसआईएस हैंडलर्स की भागीदारी के साथ ही एक बड़ी साजिश का खुलासा भी किया है। छापेमारी के दौरान 68 लाख रुपये से अधिक नकदी, हथियार, आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल, दो लैपटॉप, छह हार्ड डिस्क, हमास के झंडे और अन्य डिजिटल उपकरण भी बरामद किए है।
Of the total 44 locations being raided by the NIA since this morning, the agency sleuths have searched 1 place in Karnataka, 2 in Pune, 31 in Thane Rural, 9 in Thane city and 1 in Bhayandar. https://t.co/vKl7119DcV
— ANI (@ANI) December 9, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरफ्तार किया गया 63 वर्षीय साकिब NIA की नजर में मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। साकिब मूल रूप से मुंबई के ठाणे जिले के बोरीवली का रहने वाला है। साकिब प्रतिबंधित आतंकी संगठन SIMI (सिमी) का सचिव भी रह चुका है। साकिब का कनेक्शन भगोड़े आतंकी जाकिर नाइक से भी है। वह युवाओं को जिहाद के लिए उकसाता था और खलीफा का राज लाने के लिए ‘बैयत’ (कसम) दिलाता था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोप है, कि साकिब युवाओं को ISIS के तौर-तरीके सिखाने का प्रयास कर था, जिससे देश में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। साकिब बम बनाने में माहिर माना जाता है। वह युवाओं को न सिर्फ बम बनाने बल्कि भीड़भाड़ वाली जगहों पर ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग भी देता है। वहीं साकिब का बेटा शामिल नाचन भी अपने अब्बा के नक्शेकदम पर चल रहा है। अगस्त 2023 में ही NIA नाचन को भी गिरफ्तार कर चुकी थी।
एनआईए की जांच से पता चला है, कि साकिब ने पूरे भारत में आतंक और हिंसा फैलाने की साजिश रची थी। हिंसक जिहाद, खिलाफत, आईएसआईएस का रास्ता अपनाते हुए आरोपियों का उद्देश्य देश की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के साथ ही भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना था। बता दें, साकिब को साल 1997 में भारत में आतंकी वारदातों की साजिश रचने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया था। 10 साल तक जेल में सजा काटने के बाद साक्ष्यों के अभाव में उसे रिहा कर दिया गया था।