लोकसभा में बीते शुक्रवार (26 जुलाई 2024) को एक प्रश्न के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया, कि बीते पाँच सालों में 41 देशों में कम से कम 633 भारतीय छात्रों की मौत हुई है। केरल के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश द्वारा पूछे गए एक सवाल के उत्तर में विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने जानकारी दी, कि भारतीय छात्रों की सबसे अधिक मौैत कनाडा में हुई है। इस देश में 172 छात्रों की मौत हुई है।
सदन में विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लिखित जवाब में कहा, कि विदेश में भारतीय छात्रों की मृत्यु ‘प्राकृतिक कारणों, दुर्घटनाओं, चिकित्सा आपात स्थितियों’ समेत अन्य वजहों से हुई है। कनाडा के बाद सबसे अधिक भारतीय छात्रों की मौत अमेरिका (108), फिर ब्रिटेन (58), ऑस्ट्रेलिया (57), रूस (37) और जर्मनी (24) में हुई है। जबकि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी एक छात्र की मौत की खबर है।
विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए गए भारतीय छात्रों पर हमलों के सवाल पर राज्यमंत्री ने कहा, कि विदेशों में भारतीय मिशनों-केंद्रों के पास उपलब्ध आँकड़े बताते है, कि हाल के दिनों में भारतीय छात्रों पर हिंसक हमलों में वृद्धि नहीं हुई है। विदेशों में हिंसा और हमले के कारण मरने वाले छात्रों की कुल संख्या 19 है। इनमें सबसे अधिक कनाडा में 9, अमेरिका में 6 तथा आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, चीन और किर्गिस्तान में एक-एक मौत शामिल है।
उन्होंने बताया, कि विदेश में भारतीय मिशन/पोस्ट द्वारा अप्रिय घटनाओं के मामलों को तत्काल मेजबान देश के संबंधित अधिकारियों के साथ उठाया जाता है, ताकि अपराधियों को दंडित किया जाए। आपात स्थिति या संकट की स्थिति में विदेश में भारतीय मिशन/पोस्ट संकटग्रस्त/फँसे भारतीय छात्रों को भोजन, आश्रय, दवाइयाँ प्रदान करने में सहायता करते हैं।
मंत्रालय ने यह भी कहा, कि संकटग्रस्त या विदेशों में फँसे भारतीयों की जल्द से जल्द वापसी/निकासी को सुनिश्चित किया जाता है। हाल ही में दुनिया भर के देशों में फँसे भारतीय छात्रों को वंदेभारत मिशन, ऑपरेशन गंगा (यूक्रेन) और ऑपरेशन अजय (इजराइल) के माध्यम से भारत वापस लाया गया। बांग्लादेश से कई भारतीय छात्रों की वापसी भी भारतीय उच्चायोग ने सुगम बनाया है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी, कि इस साल तक विदेशों में अध्ययनरत भारतीय छात्रों की कुल संख्या 13.30 लाख है। पिछले तीन वर्षों में विदेश में अध्ययन करने जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। साल 2022 में यह संख्या 7.5 लाख थी, जो वर्ष 2023 में बढ़कर 9.3 लाख और अब 13.33 लाख हो गई है।
आँकड़ों के अनुसार, विदेश में अध्ययन करने वाले छात्रों में सबसे अधिक छात्र कनाडा में पढ़ाई करते हैं। इनकी संख्या 4.27 लाख है। इसके बाद अमेरिका में 3.37 लाख, ब्रिटेन में 1.85 लाख, ऑस्ट्रेलिया में 1.22 लाख, जर्मनी में 42997, यूएई में 25000 और रूस में 24940 छात्र अध्ययन कर रहे हैं। कम-से-कम 8580 भारतीय छात्र चीन (हांगकांग सहित) में पढ़ाई कर रहे है।
वहीं, 7300 छात्र न्यूजीलैंड में, 2134 नेपाल में, 2000 सिंगापुर में, 1532 जापान में और 1020 ईरान में पढ़ रहे हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है, कि कम से कम 14 भारतीय छात्र पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी पढाई कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, युद्धग्रस्त यूक्रेन में 2510 भारतीय छात्र अभी भी पढ़ाई कर रहे है।